मण्डोर के प्रतिहार राजवंश, नागभट्ट प्रतिहार, प्रतिहार राजवंश, mandor ke pratihar rajvansh, nagabhat partihar, pratihar rajvansh

   मण्डोर के प्रतिहार, mandor ke partihar :-

मण्डोर के प्रतिहार
मण्डोर के प्रतिहार

इन मण्डोर के प्रतिहार के सम्बन्ध में जानकारी जोधपुर के शिलालेख ( 837 ई .) एवं घटियाला के शिलालेखों ( 837 ई . व 861 ई . ) में  मिलते है । इन शिलालेखों के अनुसार मण्डोर में हरिशचन्द्र ( रोहिलद्धि ) नामक ब्राह्मण की क्षत्रिय पत्नी भद्रावती से उत्पन्न चार पुत्रों भोगभट्ट , कदक , रजिलएवं दह ने माण्डव्यपुर ( मंडोर ) को जीतकर वहाँ महल बनवाया ।

इन चारों में रजिले कुशल प्रशासक था | जिसके वंश ने मंडोर उसको जीतकर उसपर शासन किया ।


राजस्थान के प्रतिहार राजवश (rajasthan ke partihar rajvansh)

नागभट्ट प्रतिहार, nagbhat partihar :-

रज्जिल का पौत्र नागभट्ट प्रतिहार इस वंश का – प्रथम प्रतापी शासक हुआ , जिसने अपनी राजधानी मण्डोर से मेड़ता तथा अंत में जालौर स्थानान्तरित कर दी ।

  नागभट्ट प्रतिहार ने जालोर में सर्वप्रथम एक लघु दुर्ग का निर्माण करवाया गया ।

 इसी वंश में शीलुक , कक्क, बाउक , कछुक , हरीशचन्द्र , दुर्लभराज एवं जसकरण नामक महत्त्वपूर्ण शासक हुए । 

इस वंश के दसवें शासक शीलुक ने वल्ल देश तक अपनी सीमा का विस्तार करते हुए वल्ल मण्डल के शासक भारी देवराज को परास्त किया था । इसका तीसरा वंशज कक्क जो व्याकरण , ज्योतिष , तर्क और विविध भाषाओं का ज्ञाता था ।इसने बिहार के गौड़ों के साथ युद्ध किया । कक्क की रानी पदमिनी से बाउक और दूसरीरानी दुर्लभदेवी से कक्कड़ नामक पुत्र हुए । कक्कके पुत्र बाउक ने नंदवल्लभ एवं राजा मयूर को हराकर साहस और शौर्य का अपना परिचय दिया । बाउक ने 873 ई . की प्रशस्ति में अपने वंश का वर्णन अंकित कराकर मण्डोर के एक विष्णु मंदिर में लगवाया , जिसे बाद में किसी ने जोधपुर | शहर के परकोटे में लगा दिया ।

बाऊक के बाद उसका भाई कुक्कुक मण्डोर के प्रतिहारों का शासक बना । 861 ई . ( 837 वि . सं . ) में दो शिलालेख उत्कीर्ण करवाए जिसे ‘ घटियाले के लेख ‘ के नाम से जाना गया है

 मण्डोर का दुर्ग इन्दा शाखा के प्रतिहारों ने राव वीरम के पुत्र  चूडा राठौड़ को 1395 ई . में दहेज में प्रधान किया ।

1.राजस्थान के प्रमुख राजवंश – अग्निकुण्ड, ब्राह्मण, सूर्य व चन्द्रवंशी राजवंश (rajasthan ke pramuk rajvansh – agnikund, bhrahamn, surye v chandravanshi rajvansh)


2.राजस्थान की जनगणना – 2011(rajasthan ki janganna-2011) – सर्वाधिक(sarvadhik), न्यूनतम जनसंख्या(nivantam jansakhiya), सर्वाधिक, न्यूनतम वृद्धि दर

3.मध्यम काली मिट्टी(madhyam kali mitti), कछारी मिट्टी जलोढ़(kachhari mitti jalidh), भूरी मिट्टी(bhuri mitti)


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