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राष्ट्रीय गोवंश एवं भैंस प्रजनन परियोजना (rashtriya govansh avm bhes parjanan priyojana)

राष्ट्रीय गोवंश एवं भैंस प्रजनन परियोजना (rashtriya govansh avm bhes parjanan priyojana)

राष्ट्रीय गोवंश
गोवंश

 राष्ट्रीय गोवंश परियोजना के 100% केंद्र प्रवर्तित योजनाएं आरंभ थी जो वर्ष 2001-02 से राजस्थान में संचालित एवं प्रारंभ की गई थी राष्ट्रीय गोवंश परियोजना  ग्रामीण युवकों में पशुधन नस्ल सुधार के प्रति जागरूकता पैदा करने तथा पशु पालकों के आर्थिक स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से ही राज्य के 10 दक्षिणी पूर्वी जिला ,बांसवाड़ा ,डूंगरपुर चित्तौड़गढ़ ,धौलपुर ,बालवाड़ा ,कोटा ,टोंक ,सवाई माधोपुर ,एवं उदयपुर में गोपाल योजना 2 अक्टूबर 1990 से प्रारंभ की गई इस योजना के तहत चयनित एवं प्रतिष्ठित युवकों को गोपाल का जाता है प्रत्येक को ₹2000 पशुओं पर एक गोपाल नियुक्त किया जाता है |rashtriya govansh priyojana

1.राजस्थान में विविध विकास कार्यक्रम (rajasthan me vividh vikas karyakram)


2.सांसद आदर्श ग्राम योजना, विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम (sansad aadars gram yojana, vidhayak ithaniya chetra vikas karyakram)


3.भामाशाह योजना( ग्रामीण विकास), मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना (mukhyamantri aadarsh gram panchayat yojana)


राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा राज्य भर में 10 प्रमुख पशु मेलों का आयोजन होता है|

 जो निम्नानुसार हैं

 श्री मल्लीनाथ पशु मेला तिलवाड़ा(बाड़मेर) – shree mallinath pashu mela tilavada(badmer)

(1)  लूणी नदी के तट पर लोकदेवता मल्लिनाथ जी राठौड़ के नाम से चित्र कृष्णा 11 से चैत्र शुक्ल 11तक (अप्रैल माह) भरता है

यह मेला थारपारकर नस्ल के गोवंश एवं मौलाना नस्ल के घोड़ों के लिए विख्यात हैं|

(2) श्री बलदेव पशु मेला मेड़ता (नागौर)– में चैत्र शुक्ला 1 से पूर्णिमा तक ( अप्रैल माह )
आयोजित किया जाता है यह मेला नागौरी नस्ल के गोवंश के लिए विशेष रूप से माना जाता है |

(3) श्री गोमती सागर पशु मेला झालरापाटन( झालावाड़)- में वैशाख शुक्ला 13 से चेस्ट कृष्णा 5 तक (मई माह )भरता है

यह मेला मालवी नस्ल के गोवंश के लिए विशेष रूप से जाना जाता है|

(4) श्री वीर तेजाजी पशु मेला परबतसर (नागौर)– मैं सावन माह की पूर्णिमा से भाद्रपद अमावस्या तक (अगस्त माह) में आयोजित एवं प्रारंभ किया जाता है

यह मेला नागौर नस्ल के गोवंश की खरीद-फरोख्त के लिए मशहूर है|

श्री गोगामेडी पशु मेला गोगामेडी (हनुमानगढ़)-

में सावन पूर्णिमा में से भाद्रपद पूर्णिमा तक अगस्त में आयोजित किया जाता है

यह मेला हरियाणवी नस्ल के गोवंश के लिए माना जाता है |

(1) श्री जसवंत पशु मेला (भरतपुर )– आश्विन माह की शुक्ल 5 से 14 तक अक्टूबर में आयोजित किया जाता है

यह मेला हरियाणवी नस्ल के गोवंश के लिए जाना जाता है |

(2) श्री कार्तिक पशु मेला पुष्कर (अजमेर)-

– कार्तिक शुक्ला 8 से मार्गशीर्ष 2 तक बढ़ता है यह मेला गिर नस्ल के गोवंश एवं ऊंटों की श्रृंगार सामग्री के लिए प्रसिद्ध हैं|

(3) श्री चंद्रभागा पशु मेला झालरापाटन (झालावाड़)-

– में कार्तिक शुक्ला 11 से मार्गशीर्ष कृष्णा 5 नवंबर माह तक आयोजित किया जाता है यह मेला मालवी नस्ल के गोवंश के लिए विख्यात है| 

(4) श्री बाबा रामदेव पशु मेला मानासर (नागौर)-

– में मार्गशीर्ष शुक्ला 1 से माघ पूर्णिमा तक दिसंबर (फरवरी-मार्च )आयोजित किया जाता है यह मेला नागौरी गोवंश के लिए प्रसिद्ध हैं |

(5) श्री महाशिवरात्रि पशु मेला (करौली)-

– में फाल्गुन कृष्ण 13 से (मार्च माह) प्रारंभ हो जाता है यह मेला हरियाणवी नस्ल के गोवंश के लिए प्रमुख माना जाता है|

– (पुष्कर) में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाला पशु मेला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध होता है|

1.इंदिरा आवास योजना(indira aavas yojana)


2.बायो फ्यूल प्राधिकरण (bayo falula pradhikarn)


3.स्वस्थ भारत मिशन ग्रामीण योजना (svastha bhart missan gramin yojana)


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