राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम, rashtriya shay niyantran karyakram
क्षय रोग व नियंत्रण के लिए भारत सरकार ने 1962 से तथा राजस्थान में वर्ष 1966 से राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम लागू किया जिसके अंतर्गत जिला स्तर पर एक सुपरविजन एवं मॉनिटरिंग इकाई के रूप में जिला से निवारण केंद्र की स्थापना की गई
धनवन्तरि एंबुलेंस योजना ‘108’ (dhanvantri ambulens yojna”108″)
राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के उद्देश्य
टीबी रोग की नि:शुल्क जांच एवं उपचार की व्यवस्था
राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के लाभ
अधिक समय तक खांसी वाले मरीजों की बलगम की जांच तथा टी,बी रोक पाए जाने पर उनको घर के नजदीक टी.बी की दवाइयां (डोट्स) उपलब्ध करवाना कोर्स पूर्ण करने के पश्चात आशा को 250 के प्रोत्साहन राशि प्राप्त की जाती है
राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम की पात्रता
क्षय रोग
ग्राम स्वास्थ्य योजना, जनसंख्या स्थायीकरण कार्यक्रम (garam suvasthy yojna, jansankhya ethayikarn karykarm)
संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, sansodhit rashtriya shay niyantran karyakram
राजस्थान में वर्ष 2000 के अंत में यह कार्यक्रम प्रारंभ किया गया संशोधित राष्ट्रीय से नियंत्रण कार्यक्रम में बलगम जांच को प्राथमिकता देते हुए (डायरेक्टली आँब्जर्वेशन ट्रीटमेंट शॉर्ट कोर्सेज ) रोगी का उपचार करना अति आवश्यक है
सुरक्षित मातृत्व लाभ परियोजना (surkshit matratv labh priyojana)
संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के उद्देश्य
नये स्पीयर पॉजिटिव कैसेज मै 85% से अधिक रोग मुक्ति दर (क्योंर रेट ) अर्जीत करना 70% नए स्मीयर पॉजिटिव कैसेज की खोज करना
संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम की पात्रता
क्षय रोक से संक्रमित पाए गए (स्मीयर पॉजिटिव पाए गए) व्यक्ति
वंदे मातरम योजना, विकल्प योजना, अर्बन (RCH-II) (vande matram yojana, vikalp yojana, arban(RCH-ll)
संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लाभ
क्षय रोग उपचार एवं नियंत्रण हेतु प्रत्येक जिले में एक तथा जयपुर जिले में जिला नियंत्रण केंद्र की उपलब्धता सामान्यत क्षेत्र में प्रत्येक 5 लाख की जनसंख्या पर तथा रेगिस्तानी एवं आदिवासी क्षेत्र में 2.50 लाख की जनसंख्या पर टी.बी यूनिट 6 संभाग के जिले – जयपुर ,अजमेर, जोधपुर, उदयपुर ,कोटा एवं बीकानेर में प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर एक टीबी यूनिट सामान्य क्षेत्र मैं प्रत्येक 1 लाख जनसंख्या रेगिस्तानी एवं आदिवासी क्षेत्र में 50000 की जनसंख्या पर 1 माइक्रोस्कॉपी केंद्रीय जांच हेतु तथा प्रत्येक 20,000 से 30,000 की जनसंख्या पर एक उपचार केंद्र की व्यवस्था की गई है राजस्थान में 7 डाँट्स – प्लस साइड वक्ष एवं क्षय रोजगार चिकित्सालय में स्थापित गए हैं सूचना,शिक्षा एवं संचार के माध्यम से कार्यक्रम के उद्देश्य को प्राप्त करने का लक्ष्य
1.राजस्थान के उद्योग(rajasthan ke uddhog) – विभाग(vibhag), निगम(nigam), कंपनी(campani)
3.राजस्थान के प्रतिहार राजवश (rajasthan ke partihar rajvansh)