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राजस्थान में ऊर्जा संसाधनों का विकास, ताप विद्युत, आणविक विद्युत, rajasthan me urja sansadhno ka vikash, tap vidyut, aanvik vidyut)

राजस्थान में ऊर्जा संसाधनों का विकास (rajasthan me urja sansadhano ka vikas) :-

राजस्थान में ऊर्जा संसाधन
राजस्थान में ऊर्जा संसाधन

(1)  ताप विद्युत(tap vidyut) :-  राजस्थान में ऊर्जा संसाधन में सर्वाधिक बिजली का उत्पादन ताप विद्युत से हो रहा है राजस्थान में निम्न थर्मलपावर स्टेशन से ताप विद्युत उत्पन्न की जा रही हैं

(a.) सूरतगढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन ठुकराणा गांव ,सूरतगढ़(श्रीगंगानगर) – राजस्थान में ऊर्जा संसाधन का पहला थर्मल पावर स्टेशन इस की तीसरी और चौथी इकाई मेंसरल इंधन का प्रयोग किया जाता है|

(b.) कोटा सुपर थर्मल पावर परियोजना कोटा – राजस्थान में ऊर्जा संसाधन का दूसरा थर्मल पावर प्रोजेक्ट कोटा बैराज पर तापीय विद्युत गृह स्थापित किया गया है |

राजस्थान की जलवायु की मुख्य विशेषताएँ – डां. ब्लादिमिर कोपेन का जलवायु वर्गीकरण(rajasthan ki jalvayu ki mukhye viseshtaye – dr. bladimir kopen ka jalwayu vargikarn) 


 (c.)  कालीसिंध ताप विद्युत परियोजना झालावाड़ – राज्य का तीसरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट होगा |

(d.) गिरल ताप विद्युत परियोजना थुम्बली गांव (शिवजिला बाड़मेर) –  यहां राज्य कापहला लिन्गाइड गैस से विद्युत गृह स्थापित किया गया है | इसका निर्माण आर आर बी यू एन द्वाराजर्मनी के सहयोग से किया हैं जो इकाइयों कार्य प्रारंभ कर दिया है |

(e.) गुढा थर्मल पावर प्रोजेक्ट (बीकानेर)- राज्य में निजी क्षेत्र की प्रथम लिन्गाइड आधारित विद्युत परियोजना है | यह आंध्रप्रदेश की मरुधरा कंपनी द्वाराप्रोजेक्ट लगाया गया है |

(f.) छाबड़ा थर्मल पावर प्रोजेक्ट – मोतीपुरा (छाबड़ा ,बारा)|

(g.) भादेसर लिग्नाइट सुपर पावर प्रोजेक्ट (बाड़मेर)- इसका संचालन बाड़मेर लिग्नाइड माइनिंग कंपनी द्वारा किया जा रहा है जो राज्य कीपहली ऊर्जा कंपनी है |

राजस्थान के जलवायु प्रदेश – शुष्क जलवायु, अर्ध शुष्क जलवायु, आर्द्र जलवायु (rajasthan ke jalvayu pradesh – shushk jalvayu, ardh shushk jalvayu, aaddhra jalvayu)

(2) आणविक विद्युत(aanvik vidyut)  :-

(1) राजस्थान परमाणु शक्ति गृह रावतभाटा ( चितौड़गढ़)

–  नाभिकीय ऊर्जा निगम ( npc )द्वारा संचालित

–  कनाडा के सहयोग से स्थापित 1965 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ |

– 1972 से उत्पादन शुरू किया गया राज्य के कुलविद्युत उत्पादन मैं यह शक्ति गृह लगभग 30% हिस्सा रखता है |

मध्यम काली मिट्टी(madhyam kali mitti), कछारी मिट्टी जलोढ़(kachhari mitti jalidh), भूरी मिट्टी(bhuri mitti)

–  तारापुर (महाराष्ट्र)- के बाद देश का दूसरा परमाणु विद्युत गृह

– दाबित भारी पानी किस्म के रिएक्टर कि श्रंखला वाला देश का प्रथम प्रोजेक्ट है |

(2)  नरौरा परमाणु शक्तिगृह (उत्तरप्रदेश)- NTPC द्वारा संचालित

– देश का चौथा परमाणु विद्युत गृह (1980 में स्थापित)

–  कुल क्षमता 440MWराज्य का अंश 9.2 प्रतिशत

(3) गैस व तरल इंधन आधारित ऊर्जा

(a.) रामगढ़ गैस विद्युत परियोजना – रामगढ़ (जैसलमेर )- राज्य की स्वयं की प्रथम गैस आधारित परियोजना (RRVUN द्वारासंचालित)

राजस्थान की मिट्टियों का वर्गीकरण – रेतीली बलुई मिट्टी, भूरी रेतीली मिट्टी (rajasthan ke mittiyo ka vargikarn – retili balui mitti, bhuri retili mitti)

–  क्षमता – 110MW 37.5 , 37.5 , 35

–  या उपकरणों की आपूर्ति हिंदुस्तान एयरोनॉटिक बेंगलुरु से होती हैं

– या गैस जैसलमेर की तनोट  डांडेवाला और बागी (ऑयल) एवं मनिहारी डिब्बा ,घोटारू, आंसूवाला , बाघेवाला , सादेवाला (तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय )द्वारा उपलब्ध होती है

(b.) अंता गैस विद्युत परियोजना (बारा)

– राज्य में स्थापित प्रथम गैस आधारित विद्युत परियोजना

–  NTPC द्वारा संचालित

(c.) धौलपुर कंबाइंड साइकिल गैस आधारित परियोजना(धौलपुर)-

1.राजस्थान में थार मरुस्थल में मिट्टी संबंधी अन्य समस्या(rajasthan me thar marusthal me miti samndit anye samsya)


2.राजस्थान में मिट्टी अपरदन की समस्या(rajasthan me miti apardan ki samsya)

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