राणी सती ( दादीजी ) (rani sati (dadaji)
सती के बचपन का नाम नारायणी देवी था । अग्रवाल जाति में जन्मी नारायणी देवी का विवाह तनधनदास के साथ हुआ । 1652 विक्रमी में इनके तभी राणी सती ने हाथ में तलवार लेकर रणचंडी के रूप में सैनिकों का वध किया तथा पति के साथ सती हो गई ।
झुंझुनूं में राणी सती का विशाल संगमरमरी मन्दिर है जहाँ प्रतिवर्ष भाद्रपद अमावस्या को विशाल मेला भरता है ।
1.सकराय माता (शंकरा), सच्चियाय माता, अम्बिका माता, दधिमती माता (sakaray mata (shankara), sachiyay mata, ambika mata, dadhimati mata)
ज्वाला माता (jvala mata)
जयपुर से 45 कि . मी . पश्चिम में स्थित जोबनेर कस्बे में खंगारोत कछवाहा राजपूतों की कुलदेवी ज्वालामाता का मंदिर स्थित है ।
ज्वाला माता मंदिर ( जोबनेर , जयपुर ) के सभामण्डप के स्तंभ पर ।
चौहान राजा सिंहराज का 965 ई . का एक लेख देखने में आया है।
ज्वाला माता को जालपा देवी , जोगणी माता , योगिनी माता इत्यादि नामों से भी जाना जाता है ।
शाकम्भरी माता (shakambhari mata)
चौहानों की प्राचीन राजधानी साँभर ( जयपुर ) के निकट शाकम्भरी माता का मंदिर उपस्थित है ।
जनश्रुति के अनुसार एक बार इस भू – भाग में अकाल पड़ने पर देवी ने शाक – वनस्पति के अंकुरण का वरदान देकर जन – जन की बुभुक्षा शांत की , तभी से इनका नाम शाकम्भरी पड़ा ।
1.शिला देवी, शीतला माता (शील माता) (shila devi, shitala mata(shil mata)
जमवाय माता (jamavay mata)
आमेर एवं जयपुर के कछवाहा राजवंश की कुलदेवी जमवाय माता का मंदिर
जयपुर से लगभग 30 कि . मी . उत्तर – पूर्व में जमवा रामगढ़ के निकट स्थित है ।
जमवाय माता का पौराणिक नाम जामवंती ( जाम्बवती ) देवी है ।
1.आमजा माता, कुशाला माता, हर्षद माता, बीजासण माता,वीरातरा माता (aamaja mata, kushala mata, harshad mata, bijasan mata, veeratra mata)
नागणेची माता (nagenchi mata)
राजस्थान के राठौड़ राजवंश की कुलदेवी नागणेची माता नागाणाराय का मुख्य मंदिर बाड़मेर जिले में पचपदरा के निकट नागाणा गाँव में स्थित है । इसी गाँव के नाम पर देवी का नाम नागणेची पड़ा । मारवाड़ में राठौड़ साम्राज्य के संस्थापक राव सीहा के पौत्र राव धूहड़ ने नागाणा गाँव तत्कालीन मालाणी क्षेत्र में अपनी कुलदेवी चक्रेश्वरी देवी को कोंकणदेश से लाकर स्थापित किया गया है।
नागणेची माता की मूर्ति काष्ठ निर्मित है जो नागाणा गाँव में नीम के पेड़ के नीचे स्थापित है ।
नागणेची माता का दूसरा प्रमुख मंदिर बीकानेर शहर में उपस्थित है ।
2.कैला देवी, आई माता (kela devi, aai mata)
3.जाट राजवंश, महाराजा सूरजमल, मुस्लिम राजवंश (jat rajvansh, maharaja surajamal, musilam rajvansh)