गोगाजी (goga ji)
‘ गाँव – गाँव में खेजड़ी , अर् गाँव गाँव में गोगो । ‘ साँपों के देवता ‘ गोगाजी का थान ( चबूतरा ) राजस्थान के अधिकांश गाँवों में खेजड़ी के वृक्ष के नीचे देखने को मिलता है । गोगा जी चौहान का जन्म चूरू जिले के ददरेवा ‘ नामक गाँव में जेवरसिंह चौहान के घर हुआ ।
राजस्थान में मानसून की पहली वर्षा होने के बाद जब किसान हल जोतने जाता है
तब नौ गाँठों वाली ‘ गोगा राखड़ी ‘ ( रक्षा सूत्र ) हल एवं हाली ( किसान ) दोनों को बाँधने की परम्परा है ।
गोगा जी ने मुस्लिम आक्रान्ता महमूद गजनवी से युद्ध किया ।ऐसा माना जाता है
कि युद्ध में उन्होंने गजनवी को भी कुछ चमत्कार दिखाया , तभी से गोगा जी जाहरपीर ‘ के रूप में लोकप्रिय हुए ।
1.जाट लोकदेवता तेजाजी (jaat lockdevta tejaji)
2.देवनारायण जी गुर्जर (devnarayan ji gurjar)
गोगा जी की समाधि (gogaji ki samadhi)
गोगा जी की समाधि ( गोगामेड़ी ) राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील में है ।
इसे शीर्ष मेड़ी कहा जाता है ।
गोगा जी के जन्म स्थान ददरेवा ( चूरू ) पर स्थित इनके स्थान को ‘ धुरमेड़ी ‘ कहते हैं । गोगामेड़ी में गोगा जी की समाधि पर ‘ बिस्मिल्लाह अंकित है जो नन्दराव उनके मुस्लिम समाज में भी पूज्य होने का संकेत है गोगामेड़ी एव ददरेवा के अलावा राजस्थान में गोगा जी का तीसरा प्रमुख मन्दिर ‘ गोगा जी की ओल्डी ‘ जालोर जिले के सांचोर में स्थित है ।गोगाजी की सवारी ‘ नीली घोड़ी थी ।’गोगा जी को गोगादेव गोग चव्हाण ‘ एवं ‘ गोगा बाप्पा के नाम से भी जाना जाता है ।
राजस्थान में सर्प दंश पर गोगाजी की पूजा की जाती है ।
गोगा जी का भोपा साँप का विष उतारने में कुशल समझा जाता है ।
गाँवों में विवाह के महीने भर पश्चात तोरण ‘ को गोगा जी के थान ।पर रखने की परम्परा है ।
गोगा जी की स्मृति में प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्णा नवमी ( गोगानवमी ) को हनुमानगढ़ जिले के गोगामेडी में विशाल मेला भरता है
मेले मैं राजस्थान पंजाब हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से श्रद्धालु आते हैं गोगा जी ने अपने मौसेरे भाइयों अरजण एवं सुरजन के विरुद्ध गायों को बचाने के लिए भीषण संघर्ष किया एवं वीरगति को प्राप्त हुए|
3.महाराणा जगतसिंह प्रथम, महाराणा राजसिंह (maharaja jagatsingh partham, maharana rajsingh)