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राजस्थान की प्रमुख नहर परियोजना, भरतपुर, गुड़गांव, जाखम बांध, गंगनहर, ईसरदा बांध (rajasthan ki parmukh nahar priyojana, bhartpur, gudagav, jakham bandh,gangnahar, esarada bandh)

राजस्थान की प्रमुख नहर परियोजना (rajasthan ki parmukh nahar priyojana)

राजस्थान की नहर परियोजना
राजस्थान की नहर परियोजना

भरतपुर नहर (bharatpur nahar)– 1964 ई. में पश्चिमी यमुना से राजस्थान की प्रमुख नहर परियोजना निकाली गई इस शहर से भरतपुर जिले के 11,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती हैं| 

 गुड़गांव (यमुना लिंक) नहर (gudgav(yamuna link)nahar)

– यमुना नदी के ओखला हेडक्वार्टर से 1985 में गुड़गांव नहर (नया नाम – यमुना लिंक नहर ) निकालकर भरतपुर जिले की कामा एवं डिंग तहसीलों की 33,959 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती हैं

– यमुना जल के राजस्थान को कुल आवंटन एवं 70% उपयोग किसी के द्वारा किया जाता है

– गुड़गांव नहर को यमुना जल परियोजना की नहर से जोड़ा गया है|

1.इंदिरा गांधी नहर परियोजना, (आई.जी.एन.पी), हरिके बैराज (endira gandhi nahar priyojana, harike beraj)


2.राजस्थान में मत्स्य पालन (rajasthan me matsya palan)

जाखम बांध परियोजना (jakham bandh priyojana)

– जाखम नदी प्रतापगढ़ जिले के अनूपपुरा गांव में जाखम बांध (ऊंचाई – 81 मीटर )बनाया गया है जो राजस्थान में सबसे ऊंचा बांध है यहां पर जो लोगों पर बिजली घर भी स्थापित किए गए हैं (9 MW )

– जाखम बांध से प्रतापगढ़ जिले में सिंचाई होती हैं |


भामाशाह योजना( ग्रामीण विकास), मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना (mukhyamantri aadarsh gram panchayat yojana)


गंगनहर परियोजना (बीकानेर नहर) (gangnahar priyojana(bikaner nahar)

– यह राज्य की प्रथम सिंचाई परियोजना है जिसका निर्माण 1921 – 27 के दौरान (बीकानेर )के तत्कालीन महाराजा गंगासिंह ने करवाया था इसीलिए गंगासिंह को आधुनिक भारत का भागीरथ कहा जाता है

– गंगनहर फिरोजपुर (पंजाब )जिले में हुसैनीवाला के निकट से शतरंज नदी से निकाली गई है

– मुख्य गंग नहर की लंबाई हुसैनीवाला से शिवपुर हैड (श्रीगंगानगर ) तक 129 किमी है इसमें से 17 किमी राजस्थान में तथा शेष लंबाई (पंजाब) में हैं

– गंग नहर से राज्य के (श्रीगंगानगर ) जिले के 3.08 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती हैं

– गंग नहर के आधुनिकीकरण का कार्य केंद्रीय जल आयोग द्वारा 31 मई 2000 को प्रारंभ होकर वर्ष 2008 के अंत तक पूर्ण हो गया है 

 ईसरदा बांध परियोजना (esrada bandh priyojana)

– बनास नदी के अतिरिक्त जल को काम में लेने के लिए ईसरदा (सवाई माधोपुर) के निकट ईसरदा बांध बनाया जा रहा है बांध का निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर (सवाई माधोपुर) जिले की 42,000 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवा सकते हैं

साथ ही जयपुर , टोक एवं सवाई माधोपुर जिलों को पेयजल मिल सकेगा|

1.राष्ट्रीय गोवंश एवं भैंस प्रजनन परियोजना (rashtriya govansh avm bhes parjanan priyojana)


2.राजस्थान में विविध विकास कार्यक्रम (rajasthan me vividh vikas karyakram)


3.सांसद आदर्श ग्राम योजना, विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम (sansad aadars gram yojana, vidhayak ithaniya chetra vikas karyakram)


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