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अन्य पुरालेखीय स्रोत, मराठों पत्र व्यवहार, पिंडारी पत्र व्यवहार, मुगल दरबार के पत्र व्यवहार, anye puralekhiy sarote, marathon patra vyavahar, pindhari patra vyavahar, mughal darbar ke patra vyavahar

अन्य पुरालेखीय स्रोत, anye puralekhiy sarote

अन्य पुरालेखीय स्रोत
 पुरालेखीय स्रोत

 अन्य पुरालेखीय स्रोत ये स्रोत विभिन्न भाषाओं में लिखित पत्र बहियों,पट्टों , पखाने,फाइलों,फरमानों , रिपोर्टो आदि के रूप में मिलते हैं फारसी भाषा में लिखित फरमान,मंसुर,रुक्का ,निशान हस्बुल ,हुक्म , रुक्केयात तथा वकील रिपोर्ट महत्वपूर्ण पूरालेखीय सामग्री हैं

जिन बाहियों से राजा की दिनचर्या का उल्लेख मिलता है उसे हकीकत बाही का जाता है

 बाहियों में शासकीय आदेशों की नकल होती थी उन्हें हुकूमत री बही का जाता था

जिन बहियों से महत्वपूर्ण व्यक्तियों से आने वाले पत्रों की नकल रहती थी उन्हें ‘खरीता बहीं ‘ कहा जाता है

जिन बाहियों से जानकारी सरकारी भवनों के निर्माण संबंधित होती है उन्हें ‘कमठाना बाहियों ‘ कहते हैं

शाही परिवार के किसी सदस्य अथवा सरकारी द्वारा प्रेषित आदेश जिसमें किसी व्यक्ति को कोई स्वीकृति दी जाती थी जिसमें बादशाह की सहमति होती है इसे हस्बुल हुक्म का जाता था एक प्रकार की स्वीकृति जिसके द्वारा मुगल सम्राट अपने अधीनस्थ राजा को जागीर प्रदान करता था सनद कहलाती हैंएक प्रकार का लिखित प्रार्थना पत्र जो कि एक अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारी को भेजा जाता है अर्जदाश्त चलाता था

राजस्थानी साहित्य – रासौ, ख्यात, पद्मावत साहित्य, कान्हड़दे प्रबंध (rajasthani sahity – raso, khiyat, padhmavat sahity, kanhddev parbandh)


फारसी साहित्य, हुमायूँनामा साहित्य (pharasi sahity – humayunama sahity)

मराठों पत्र व्यवहार, पिंडारी पत्र व्यवहार, मुगल दरबार के पत्र व्यवहार, marathon patra vyavahar, pindhari patra vyavahar, mughal darbar ke patra vyavahar

देशी शासकों, मराठों, पिंडारीओं ,मुगल ,दरबार एवं पड़ोसी राज्यों के साथ शासन संबंधित पत्र व्यवहार जिसके द्वारा होता था उसे खतुत महाराजागान व अहलकारान कहलाते हैं एक प्रकार का शाही आदेश, जो कि बादशाह की मौजूदगी में शाहजादें द्वारा जारी किया जाता था उसे मन्सूर कहते हैं उत्तराधिकारी युद्ध (1608 इस्वी) के समय शाहजादा औरंगजेब ने अपने हस्ताक्षर शाही आदेश (मन्सूर) जारी किए थे मुगल बादशाह द्वारा जारी आदेश फरमान कहलाते थे कभी यह सार्वजनिक जो कभी विशेष रूप से मनुष्य धाराओं के लिए होते थे बादशाह के परिवार के किसी भी सदस्य (मुगल शाहजादा और बेगमों) द्वारा मनसबदार को अपनी मुहर के साथ जो आदेश जारी किए गए वह ,निशान ,कहलाते हैं

1.ऐतिहासिक साहित्य पृथ्वीराज विजय (etihasik sahitye prthaviraj vijay)


2.सांस्कृतिक स्थापत्य एवं चित्रकला (sanskartik sthapatye avm chitrkala)


3.कविराजा श्यामलदास, गौरीशंकर हीराचन्द ओझा, मुंशी देवी प्रसाद, रामकरण आसोपा (kaviraja shiyamaldhas, gorisankar hirachand oja, munshi devi parsad)


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