जालौर का दुर्ग (jaalor ka durg)
पश्चिमी राजस्थान के गिरि दुर्गों में जालौर का दुर्ग प्रमुख है सुदृढ़ बुर्जा और विशाल परकोटे से युक्त है । शत्रु के अनेक आक्रमणों को विफल करने वाले इस किले के साथ जिसने अलाउद्दीन खिलजी की शक्तिशाली सेना का जबर्दस्त वीरता और पराक्रम का विरचित ‘ कान्हड़दे प्रबन्ध हुआ है । एक उन्नत शिखर पर अवस्थित तारागढ़ ) भी एक सुदृढ़ और प्रसिद्ध किला है । नाम से भी जाना जाता है । शाहजहाँ के विट्ठलदास गौड़ यहाँ का दुर्गाध्यक्ष था और संभव पराक्रमी योद्धा के नाम पर ही इस किले का नाम गढ़बीठली पड़ा हो ।
कर्नल टॉड के अनुसार इस दुर्ग का निर्माण चौहान राजा अजयपाल ने करवाया था ।
हाड़ा राजपूतों की वीरता का प्रतीक बूंदी का तारागढ़ दुर्ग पर्वत शिखरों से सुरक्षित और नैसर्गिक सौन्दर्य से ओतप्रोत एक उत्कृष्ट गिरि दुर्ग है । सुदृढ़ और उन्नत प्राचीर , विशाल प्रवेश द्वार तथा अतुल जलराशि से परिपूर्ण तालाब ( नवलखा ) ऐसा नयनाभिराम दृश्य प्रस्तुत करते हैं कि बूंदी के तारागढ़ का सौन्दर्य देखते ही बनता है ।
महलों के भीतर सुन्दर चित्रकारी हाड़ौती कला के सजीव रूप का प्रतिनिधित्व करती है ।
कर्नल टॉड ने बूंदी के राजमहलों को ‘ राजस्थान में सभी रजवाड़ों के राजप्रासादों में सर्वश्रेष्ठ बताया है
1.मामाजी, देव बाबा, वीर बिग्गाजी (mamaji, dev baba, veer biggaji)
3.कैला देवी, आई माता (kela devi, aai mata)
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आबू का अचलगढ़ दुर्ग (aabu ka achalagadh durg)
राजस्थान में सभी रजवाड़ों के राजप्रासादों में सर्वश्रेष्ठ बताया है |
आबू का अचलगढ़ दुर्ग राजस्थान के पर्वतीय दुर्गों में अपनी अलग पहचान रखता है ।
आबू ( अचलगढ़ ) का पुराना किला परमार शासकों द्वारा बनाया गया था जिनका अर्जदाचल क्षेत्र लम्बे अरसे तक वर्चस्व रहा ।
आगे चलकर 1542 लगभग राणा कुम्भा ने प्राचीन किले के भग्नावशेषों पर नया बनवाया जो अचलगढ़ कहलाता है । अचलेश्वर महादेव का मन्दिर सावन – भादो तालाब , मन्दाकिनी कुण्ड , सिरोही के महाराव मानसिंह का स्मारक वहाँ के प्रमुख ऐतिहासिक स्थान हैं । राजस्थान के पर्वतीय दुर्गों में जोधपुर का प्रसिद्ध किला मेहरानगढ़ भी प्रमुख और उल्लेखनीय है । राठौड़ों की वीरता और पराक्रम के साक्षी इस किले का निर्माण विक्रम संवत 1515 जोधपुर के संस्थापक राव जोधा ने करवाया था ।
अपनी विशालता के कारण ही सम्भवतः यह दुर्ग मेहरानगढ़ कहलाता है |
1.जाट राजवंश, महाराजा सूरजमल, मुस्लिम राजवंश (jat rajvansh, maharaja surajamal, musilam rajvansh)
2.भाटी राजवंश, यादव राजवंश (bhati rajvansh, yadav rajvansh)
3.सवाई जयसिंह-दितीय, औरंगजेब (savai jaisingh-ditiya, oragjeb)