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डांडिया नृत्य, बम नृत्य, गैर नृत्य, लंगुरिया नृत्य, डांग नृत्य, नाहर नृत्य, अग्नि नृत्य (dandiya nartya, bam nartya, ger nartya, languriya nartya, dang nartya, nahar nartya, agni nartya)

डांडिया नृत्य (dandiya nartya)

डांडिया नृत्य
डांडिया नृत्य

मारवाड़ क्षेत्र में होली के अवसर पर पुरुषों द्वारा स्वांग रचाकर किया जाने वाला सामूहिक डांडिया नृत्य जिसमें ढोल एवं डांडिया बजते हैं । वह ‘ गैर ‘ का एक लघु रूप हैं ।


1.राजस्थान में संत एवं संप्रदाय, संत पीपाजी, संत धन्ना, गुरु अर्जुन, संत रजबजी (rajasthan me sant avm sampradaay, sant pipaji, sant dhanna, guru arjun, sant rajabaji)

बम नृत्य (bam nartya)

भरतपुर – अलवर क्षेत्र में होली के अवसर पर नई फसल आने की खुशी में किया जाने वाला नृत्य जिसमें बड़े नगाड़े ( बम ) की ताल पर पुरुष तीन वर्गों में बँटकर नाचते हैं ।


1.संत रैदास (संत रविदास), प्राणनाथजी, सुंदर दास जी (sant redas (sant ravidas), prannathaji, sundar das ji)

गैर नृत्य (ger nartya)

भीलों के गैर नृत्य के अलावा राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र विशेषकर बाड़मेर जोधपुर जालौर एवं पाली जिला में होली के अवसर पर पुरुषों द्वारा किया जाने वाला सामूहिक नाच जिसमें पुरुष एक गोल घेरे में डांडिया डंडे मिलाते हुए नाचते हैं स्थानीय भाषा में इन दलों को डांडिया कहते हैं यह नृत्य दो प्रकार का होता है एक बड़ा डाका एवं बेवड़ा ढाका कनाना बाड़मेर का गैर नृत्य प्रसिद्ध है जालौर जिले के बोराडा बिजली क्षेत्र के बाल गैर कलाकार कई बार नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर परेड में इस नृत्य का प्रदर्शन करते हैं

सोनाणा खेतलाजी के मेले सारंगवास पाली में यह नृत्य एक प्रकार आकर्षण करता है

1.रामानुज या रामानंदी सम्प्रदाय, निम्बार्क सम्प्रदाय ( हंस सम्प्रदाय ) (ramanuja ya ramanadi sampradaay, nimbark sampradaay (hansh sampradaay)

लंगुरिया नृत्य (languriya nartya )

केला देवी करौली के मेले में लंगुरिया नृत्य करते हैं

तथा यह एक भक्ति नृत्य हैं और जिसमें भक्त केला मैया के दरबार में नाचते हैं

लंगुरिया नृत्य के साथ लांगुरिया गीत भी गाते हैं


शाक्त मत, वैष्णव सम्प्रदाय (shakta mat, veshnava sampradaay)

केला मैया का श्लोक :-

केला मैया के भवन घुटन खेले लांगुरिया

डांग नृत्य (dang nartya)

नाथद्वारा राजसमंद में श्रीनाथजी के मंदिर में होली एवं अन्य मांगलिक अवसरों पर डांग नृत्य का आयोजन किया जाता है

1.जसनाथी सम्प्रदाय, मारवाड़ का नाथ सम्प्रदाय (jasnathi sampradaay, marwar ka nath sampradaay)

नाहर नृत्य (nahar nartya)

मंडल क्षेत्र भीलवाड़ा में होली के अवसर पर नहार सिंह का सॉन्ग धारण करके किए जाने वाला यह नृत्य जिसमें ढोल बजाया जाता है

और माना जाता है कि इस नृत्य का प्रारंभ शाहजहां के शासनकाल में हो गया था

1.राजस्थान की सगुण भक्ति धारा, शैव मत, नाथ सम्प्रदाय ( पंथ ) (rajasthan ki sahgun bhakti dhara, shev mat, nath sampradaay (panth)

अग्नि नृत्य (agni nartya)

बीकानेर के जसनाथी सिद्धों द्वारा ‘ फतै – फतै ‘ के उद्घोष के साथ तपते अंगारों पर किया जाने वाला

यह नृत्य दर्शकों ( भक्तों ) को रोमांचित कर देता है यह नृत्य फाल्गुन – चैत्र के महीनों में किया जाता है । इस अवसर पर नगाड़ा वाद्य यंत्र बजता है

और नर्तक मतीरा फोड़ना , हल जोतना आदि क्रियाएँ करते हैं ।

1.आउटपुट डिवाइस, मॉनिटर, CRT मोनिटर, फ्लेट पैनल मोनिटर (output devais, monitor, CRT monitor, flat panel monitor)


2.रामानुज या रामानंदी सम्प्रदाय, निम्बार्क सम्प्रदाय ( हंस सम्प्रदाय ) (ramanuja ya ramanadi sampradaay, nimbark sampradaay (hansh sampradaay)


3.शाक्त मत, वैष्णव सम्प्रदाय (shakta mat, veshnava sampradaay)


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