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भूरिया बाबा गौतमेश्वर, हरिराम बाबा, इंगजी – जवारजी (bhuriya baba gotameswer, hariram baba, engaji – javaraji)

भूरिया बाबा ( गौतमेश्वर ) (bhuriya baba gotameswer)

भूरिया बाबा गौतमेश्वर
भूरिया बाबा गौतमेश्वर

राजस्थान के दक्षिणी – पश्चिमी गौड़वाड़ अंचल में मीणा जनजाति के आराध्य देवता गौतम ऋषि ‘ या
भूरिया बाबा गौतमेश्वर के नाम से भी जाना जाता है । भूरिया बाबा का मन्दिर दिल्ली – अहमदाबाद रेलमार्ग पर पाली जिले में नाणा स्टेशन के निकट पोसालिया गाँव में ( सिरोही ) जवाई नदी के किनारे स्थित है जहाँ प्रतिवर्ष भरने वाले मेले में वर्दीधारी पुलिसकर्मियों का प्रवेश वर्जित है ।

1.राजस्थान की लोक देवियां, करणी माता, राव शेखाजी, करणी के वंशज (rajasthan ki deviya, karni mata, rav shekhaji, karni ke vanshaj)

हरिराम बाबा (hariram baba)

बजरंगबली के परम भक्त हरिराम बाबा का जन्म 1959 विक्रमी में नागौर जिले के झोरड़ा गाँव में हुआ था । इनके पिता का नाम रामनारायण एवं माता का नाम चनणी देवी था । गुरु भूराजी से दीक्षा ग्रहण करने के बाद हरिराम जी परम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति में लग गये । हरिराम बाबा की मान्यता नागौर , बीकानेर , चूरू एवं सीकर जिलों में अधिक है ।

इनका प्रमुख मन्दिर नागौर जिले के ‘ झोरड़ा गाँव ‘ में बना हुआ है

जहाँ प्रतिवर्ष दो बार चैत्र शुक्ला चतुर्थी एवं भाद्रपद शुक्ला पंचमी ‘ को विशाल मेले भरते हैं ।


1.कैला देवी, आई माता (kela devi, aai mata)

इंगजी – जवारजी (engaji – javaraji)

शेखावाटी क्षेत्र के प्रसिद्ध चाचा – भतीजा देशभक्त जिन्हें लोक देवता के समान मान्यता है ।

ये धनवानों से धन एकत्रित करके गरीबों में बाँटते थे ।

के रूप में धाडेती बनने से पूर्व ड्रैगजी (डूंगरसिंह शेखावत) शेखावटी ब्रिगेड में रिसालदार थे ।

गाँव में है , चैत्र शुक्ला डूंगजी जवारजी अंग्रेजी छावनियों भी लूटते थे

जिससे परेशान करवाने की होकर ड्रैगजी के साले भैरूसिंह के सहयोग से ड्रैगजी को पकड़कर अंग्रेजों ने आगरा के किले में कैद किया । त्र के खाले गजी की पत्नी की फटकार पर जवारजी ने लोटिया जाट ‘ के सहयोग से ड्रैगजी को आगरे के किले से मुक्त कराया । बीकानेर के निकट घडसीसर गाँव में अंग्रेजी सेना द्वारा घिर जाने पर ड्रैगजी वहाँ से भागकर गिरदडा जैसलमेर पहुँचे जहाँ धोखे से । नेर ) में जाट । जोधपुर वालों ने पकड़कर अंग्रेजों को सौंप दिया लेकिन विरोध । इन एवं माता होने पर पुनः जोधपुर को सौंप दिया जोधपुर के किले में ही लिए अपना ड्रैगजी का देहावसान हुआ ।

1.जाट राजवंश, महाराजा सूरजमल, मुस्लिम राजवंश (jat rajvansh, maharaja surajamal, musilam rajvansh)


2.भाटी राजवंश, यादव राजवंश (bhati rajvansh, yadav rajvansh)


3.कोटा के हाड़ा चौहान, राव भावसिंह हाड़ा, राव माधोसिंह, राव जगतसिंह (kota ke hadha chohan, rav bhavsingh hadha, rav madhosingh, rav jagatsingh)


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