राव किशोरसिंह (rav kisorsingh)(1684 – 1696 ई.)
राव जगतसिंह के बाद माधोसिंह का सबसे छोटा पुत्र राव किशोरसिंह कोटा का शासक बना । बीजापुर की विजय के समय राव किशोरसिंह अपनी वीरता का परिचय दिया । मराठों के विरुद्ध भी उसने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन किया । दक्षिण के अभियान में ही 1696 ईस्वी में उसकी मृत्यु हो गयी ।
उसने किशोर सागर तालाब की मरम्मत करवायी । किशोर विलास बाग बनवाया ।
राव रामसिंह (rav ramsingh)( 1696 – 1707 ई . )
बीजापुर की विजय में रामसिंह ने अद्भुत वीरता का परिचय दिया था । 1707 ई . में औरंगजेब की मृत्यु के समय उत्तराधिकार के युद्ध में रामसिंह ने आजम का साथ दिया ।
महाराव भीमसिंह (maharav bhimsingh)( 1707 – 1720 ई . )
भीमसिंह कोटा राज्य के सबसे प्रभावशाली शासक हुए । उनके समय कोटा का जितना विस्तार हुआ उतना किसी शासक के समय नहीं हुआ । शाही दरबार में उसका विशेष सम्मान था और सम्राट ने उसे ‘ महाराव ‘ की पदवी से विभूषित किया था । राव रामसिंह की मृत्यु के पश्चात् 1707 ई . में वह कोटा राज्य का शासक बना । महाराव भीमसिंह ने कोटा राज्य की एक स्वतंत्र टकसाल स्थापित की । वे वैष्णव धर्म के अनुयायी थे और राजकीय पत्रों में जयगोपाल ‘ लिखा जाता था । इनके समय स्थापत्य कला का पर्याप्त विकास हुआ ।
भीमविलास , श्री ब्रजनाथ जी का मंदिर आशापुरी जी का मंदिर , भीमगढ़ का किला इनके समय के प्रमुख स्थापत्य हैं ।
1.शक्तिकुमार, वैरिसिंह, विक्रमसिंह, जैत्रसिंह (shaktikumar, verisingh, vikramsingh, jetrasingh)
राव दुर्जनशाल (rav durjanshala)( 1723 – 1756 ई.)
राव दुर्जनशाल कोटा के शासकों में अंतिम शासक था जिसके मुगलों से अच्छे सम्बन्ध रहे ।
इसके समय मुगलों का पराभव प्रारम्भ हो गया था और मराठों का प्रभाव बढ़ रहा था ।
दिसम्बर , 1857 ई . में कोटा राज्य की ओर से यहाँ के फौजदार जालिमसिंह झाला ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी से संधि की ।
1.राणा हम्मीर, महाराणा मोकल, महाराणा मोकल (rana hammir, maharana mokal, maharana mokal)
2.महाराणा रायमल, महाराणा सांगा (maharana raymal, maharana sanga)
3.महाराणा सांगा व इब्राहीम लोदी (maharana sanga v ebrahim lodi)