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राजस्थाल साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी (rajasthal, sahitya akadami, rajasthani bhasha, sahitya avm sanskarti akadami)

राजस्थाल साहित्य अकादमी, उदयपुर (rajasthal, sahitya akadami, udaypur)

राजस्थाल साहित्य अकादमी
राजस्थाल साहित्य अकादमी

राजस्थान में समग्र साहित्यिक चेतना के विकास हेतु एवं राजस्थाल साहित्य अकादमी की विविध विधाओं में लेखन हेतु

कवियों एवं लेखकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जनवरी , 1958 ई . में उदयपुर में राजस्थान साहित्य अकादमी ‘ की स्थापना की गई है ।

अकादमी समस्त भाषाओं विशेषकर हिन्दी साहित्य के विकास एवं प्रसार – प्रचार का कार्य करती हैं

साहित्यिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का प्रकाशन , पाण्डलिपि प्रकाशन , साहित्यिक संस्थाओं को सहयोग एवं मूर्धन्य

साहित्यकारों को पुरस्कृत करना अकादमी की प्रमुख गतिविधियाँ हैं ।

अकादमी का सर्वोच्च पुरस्कार ‘ मीरा पुरस्कार है ।

अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कार देवीलाल सामर पुरस्कार ( लोक कला ), अंतरप्रांतीय साहित्य अनुवाद पुरस्कार, जैन साहित्यिक पत्रकारिता पुरस्कार , रांगेय राघव पुरस्कार ( कथा विधा ) , सुधीन्द्र पुरस्कार (काव्य विधा), देवराज उपाध्याय पुरस्कार ( आलोचना विद्या ), कन्हैयालाल सहल पुरस्कार , (विभिन्न विधा) , सुमनेश जोशी पुरस्कार ( प्रथम प्रकाशित कृति ), शंभूदयाल सक्सैना पुरस्कार (बाल साहित्य विधा), डॉ . सुधा गुप्ता पुरस्कार ( निबंध विधा ), चन्द्रदेव शर्मा पुरस्कार (कविता विधा) एवं परदेसी पुरस्कार (निबंध विधा) हैं ।

अकादमी की पत्रिका का नाम ‘ मधुमती है ।

1.मेवाड़ का सर्वाधिक शासन गुहिल (सिसोदिया) राजवंश (mevadh ka sarvadhik shasan guhil (sisodiya) rajvansh)


2.शक्तिकुमार, वैरिसिंह, विक्रमसिंह, जैत्रसिंह (shaktikumar, verisingh, vikramsingh, jetrasingh)

राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर (rajasthani bhasha, sahitya avm sanskarti akadami, bikaner)

राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के विकास तथा संवर्द्धन हेतु इस अकादमी की स्थापना 25 जनवरी , 1983 को बीकानेर में की गई है अकादमी का कार्य राजस्थान भाषा की पाण्डुलिपियों, पुस्तकों एवं राज शोधपत्रों का प्रकाशन करवाना राजस्थानी भाषा के साहित्यकारों को सहायता प्रदान करना एवं सम्मानित करना तथा राजस्थानी भाषा एवं बोलियों के काव्य एवं व्याकरण सहित सभी आयामों पर शोध करना है । अन्य महत्वपूर्ण पुरस्कार – शिवचन्द भरतिया गद्य पुरस्कार, गणेशीलाल व्यास पद्य पुरस्कार, मुरलीधर व्यास कथा साहित्य पुरस्कार, बावजी चतुरसिंह अनुवाद पुरस्कार, सावर दैया पेली पोथी पुरस्कार (प्रथम प्रकाशित कृति), राजस्थानी बाल साहित्य पुरस्कार, पान राजस्थानी साहित्य सम्मान , राजस्थानी भाषा सम्मान , राजस्थान संस्कृति सम्मान एवं प्रवासी राजस्थानी साहित्य सम्मान हैं ।

इस अकादमी की पत्रिका का नाम ‘ जागती जोत ‘ है ।

1.राणा हम्मीर, महाराणा मोकल, महाराणा मोकल (rana hammir, maharana mokal, maharana mokal)

2.महाराणा रायमल, महाराणा सांगा (maharana raymal, maharana sanga)

3.महाराणा सांगा व इब्राहीम लोदी (maharana sanga v ebrahim lodi)


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