राजस्थान में रेल परिवहन, rajasthan me rail parivahan

रेल परिवहन माल परिवहन यात्री परिवहन दोनों की दृष्टि से राजस्थान में रेल परिवहन महत्वपूर्ण संसाधन है भारत में रेल सेवा प्रारंभ करने का श्रेय ‘लॉर्ड डलहौजी’ को है लॉर्ड डलहौजी के प्रयासों से 16 अप्रैल 1853 को पहली रेलगाड़ी मुंबई (बोरीबंदर) से थाणे के मध्य (लंबाई 34 किमी) चली राजस्थान में पहली रेलगाड़ी जयपुर रियासत में आगरा फोर्ट से बांदी कुई के बीच अप्रैल 1874 को चली हावड़ा (कोलकाता) से रानीगंज के मध्य प्रथम रेल गाड़ी 1 फरवरी 1835 को चली
जिसमें फेयरी क्वीन नामक भाप का इंजन जोड़ा गया था
यही फेयरी क्वीन विश्व का सबसे प्राचीन इंदन है जो वर्तमान में राजस्थान में उपस्थित हैं
जो वर्तमान में राजस्थान में उपस्थित हैं
राजस्थान की प्रमुख सहायक नदियां, जवाई, साबरमती, पश्चिमी बनास, अनास, मोरन नदी(rajasthan ki parmuk shayek nadiya,javai, sabrmathi, paschimi bnas, anas, morn nadi)
भारत में रेल परिवहन, bharat me rail parivahan
भारत में रेलवे को 16 जोन व 67 मंण्डलो में बाटा गया है इनमें से 1 अप्रैल 2003 को बने नवीन रेलवे जोन उत्तर पश्चिमी रेलवे जॉन का मुख्यालय जयपुर में है
तथा 5 रेल मंण्डल जयपुर, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर एवं कोटा राजस्थान में है
मार्च 2016 तक राजस्थान में रेल मार्ग की कुल लंबाई 5898 किमी (भारत के कुल रेल मार्ग का 8.93%) थी
इसमें 81.77% ब्रांडगेज 16.75% मीटर गेज एवं 1.48 नैरोगेज सम्मिलित है
रेल मार्गों का घनत्व 17.16 किमी प्रति हजारों में है