सामाजिक न्याय विभाग योजना, अधिकारिता विभाग योजना, samajik nyay vibhag yojana, adhikarita vibhag yojana

निशक्तजन संबंधी प्रमुख सामाजिक अधिकारिता विभाग योजना
विश्वास योजना, vishwas yojana
सामाजिक अधिकारिता विभाग योजना वर्ष 2004-05 में विश्वास योजना प्रारंभ की गई , जिसमें निशक्तजन को स्वरोजगार हेतु राजस्थान अनुसूचित जाति/ जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम एवं सरकारी बैंकों के माध्यम से रुपए 1 लाख तक का ऋण 30% (अधिकतम रु 30,000) का अनुदान स्वीकृत किया गया हैयोजना का
उद्देश्य
निःशक्तजन को स्वरोजगार हेतु राजस्थान अनुसूचित जाति/ जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम एवं सहकारी बैंकों के माध्यम से आर्थिक सहयोग प्रदान करना
योजना की पात्रता
आवेदक , निशक्त व्यक्ति अधिनियम ,1995 के प्रावधानों के अनुसार नि:शक्त हो वे राजस्थान के मूल निवासी होना चाहिए
उसकी आयु कम से कम 18 वर्ष और अधिक से अधिक 55 वर्ष होनी आवश्यक हैं
समस्त स्रोतों से आवेदन के परिवार की वार्षिक आय रु 50,000 से अधिक ना हो
आवेदक द्वारा पूर्व में वह कियोस्क योजना अथवा अन्य किसी योजना में स्वरोजगार /व्यवसाय योजना के अंतर्गत अनुदान आदि का लाभ नहीं लिया गया है|
योजना के लाभ
स्वरोजगार गतिविधि प्रारंभ करने के लिए 1 लाख तक का ऋण देय हैं
नि:शक्त छात्रवृत्ति योजना, nishakt chatravriti yojana
नि:शक्त एवं नेत्रहीन छात्र- छात्राएं जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 1 लाख तक हैं , उन्हें प्रतिमाह छात्रवृत्ति दिए जाने का प्रावधान प्राप्त हैं|
मुगल, राजपूताना के कार्य कलाप (mugal, rajputana ke kary klap)
योजना का उद्देश्य
निःशक्त एवं नेत्रहीन छात्र -छात्राओं को प्रतिमाह छात्रवृत्ति द्वारा संबल प्रदान करना आवश्यक है
योजना की पात्रता
योजना मैं छात्र /छात्रा -राजकीय /मान्यता प्राप्त विद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत होने चाहिए
छात्र/ छात्रा के अभिभावक / संरक्षक की वार्षिक आयू 1.00 से अधिक नहीं होनी चाहिए
छात्र /छात्रा पूर्व से अन्य किसी प्रकार की छात्रवृत्ति/ भत्ता राजस्थान सरकार अथवा स्वयंसेवी संस्था/ ट्रस्ट से प्राप्त नहीं कर रहा हो
छात्र/ छात्रा गत वर्ष की कक्षा में उत्तीर्ण होने चाहिए
आवेदक के पास अधिकृत चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी 40% निशक्तता तथा प्रमाण- पत्र होना आवश्यक है
प्रार्थी राजस्थान का मूल निवास होना आवश्यक है|
3.आमेर का शिलालेख, गोठ मांगलोद का शिलालेख (aamer ka silalekh, goth manglod ka silalekh)