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नर्मदा नहर परियोजना,narmada nahar pariyojana

नर्मदा नहर परियोजना
नर्मदा नहर परियोजना

राजस्थान नर्मदा नहर परियोजना विवाद प्राधिकरण द्वारा राजस्थान के हिस्से का निर्धारण 0.50 MAF पानी के उपयोगार्थ सरदार सरोवर बांध( गुजरात) से 532 किमी लंबी नहर निकाली गई है इस नहर कि 458 कि मी लंबाई (गुजरात ) में एवं 74 किमी लंबाई राजस्थान में है
नर्मदा नहर से जालोर तथा बाड़मेर जिला में 233 गांव की 2.46 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होगी तथा 3 नगरो सांचौर,जालौर, भीनमाल,सहित दोनों जिलों के 1336 गांव को पेयजल की सुविधा मिलती है
यह राजस्थान की पहली परियोजना है जिसमें संपूर्ण सिंचाई फवारा पद्धति से होगी
नर्मदा नहर राजस्थान के जालौर जिले की सांचौर तहसील के सीलू गांव में प्रवेश करती हैं (लालपुर हैड ) यही पर नर्मदेश्वर घाट बनाया गया है
नर्मदा नहर का जल 27 मार्च 2008 को राजस्थान में प्रवाहित किया गया

नहर परियोजना नर्मदा का वितरिका (बायी और )

1 वाक वितरिका
2 जैसला – भाटकी वितरिका
3 बालेरा वितरिका
4 ईशरोल वितरिका
5 रतोड़ा वितरिका
6 केरिया वितरिका
7 गांधव वितरिका
8 मोनकी वितरिका
9 भीमगोडा वितरिका

नर्मदा नहर परियोजना की लिफ्ट नहर (दायी और)

1 सांचौर लिफ्ट नहर
2 भादरेडा लिफ्ट नहर
3 पनोरिया लिफ्ट नहर


राजस्थान के महत्वपूर्ण स्रोत – मृढ्भाण्ड, मृणमूर्तियां, पाषाण, ताम्र तथा लोहे के आयुध, गृह अवशेष, अस्थियों, मुद्राएँ एवं मुहरें (rajasthan ke mahtvpurn sarot – mardbhand, maranmurtiya, pashan, tamrtatha lohe ke aayudh)


राजस्थान के घटियाले के शिलालेख, आबू, रसिया की छतरी, समिधेश्वर के मंदिर, ईदगाह का शिलालेख (rajasthan ke ghatiyal ke shilalekh, aabu, rasiya, ki chatri, samidhevsar ke mandir, edgah ka shilalekh)

भीखाभाई सागवाड़ा नहर परियोजना, bhikhabhai sagwara nahar pariyojana

– भारत सरकार की त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत माही नदी पर साइफन का निर्माण करके भीखाभाई (सागवाड़ा )नहर निकाली गई थी
– तथा इस परियोजना से डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा क्षेत्र में 11,811 हेक्टेयर क्षेत्र पर सिंचाई की जाती हैं
– इस नहर का नामकरण वागड़ के स्वतंत्रता सेनानी स्व . भीकाभाई भील के नाम पर किया गया है|


आमेर का शिलालेख, गोठ मांगलोद का शिलालेख (aamer ka silalekh, goth manglod ka silalekh)

यमुना जल सिंचाई परियोजना, yamuna jal sichai pariyojana

यमुना जल बंटवारे के तहत राजस्थान को प्राप्त जल के उपयोग हेतु यह परियोजना प्रारंभ की गई थी
इस परियोजना से राजस्थान के चूरु , झुंझुनू , भरतपुर जिला को सिंचाई तथा पेयजल हेतु पानी की सुविधा प्राप्त होती है
इस परियोजना से डीग (भरतपुर ) के तालाबों, अजान बांध एवं केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में जल की आपूर्ति एवं प्राप्त की जाती हैं भरतपुर जिले हेतु ओखला हेडक्वार्टर (हरियाणा) से नहर का निर्माण कार्य चल रहा है जबकि चूरु झुंझुनू जिला हेतु ताजे वाला हेडक्वार्टर (हरियाणा )से पश्चिमी यमुना नहर जवाहरलाल नेहरू ने एवं लोहारू में निर्माणाधीन है|

1.पुरालेखीय स्रोत – नेमिनाथ (आबू), चीरवे का शिलालेख, बीकानेर का शिलालेख (puralekhiy sarot – neminath – aabu, chirve ka shilalekh, bikaner shilalekh)


2.मुगल, राजपूताना के कार्य कलाप (mugal, rajputana ke kary klap)


3.फारसी शिलालेख, ताम्रपत्र शिलालेख (pharsi shilalekh, tamrpatr shilalekh)


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