भिक्षावृत्ति निवारण योजना, bhikshavriti nivaran yojana

वृतियों में लिप्त परिवारों के बच्चों हेतु आवासीय विद्यालय राजस्थान में ऐसे निवासी जो भिक्षावृत्ति निवारण योजना वृतियों में लिप्त है ,उनके बच्चों को आवासीय एवं शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु ग्राम मण्डाना , जिला कोटा एवं सागवाड़ा, जिला डूंगरपुर में आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई है
योजना का उद्देश्य
भिक्षावृत्ति व अवांछित वृतियों में लिप्त परिवारों के बच्चों हेतु आवासीय चिकित्सा एवं शिक्षण सुविधा उपलब्ध कराना|
आमेर का शिलालेख, गोठ मांगलोद का शिलालेख (aamer ka silalekh, goth manglod ka silalekh)
योजना की पात्रता
राजस्थान के मूल निवासी भिक्षावृत्ति अवांछित वृतियों में लिप्त परिवारों के बच्चे
भिक्षावृत्ति में लिप्त परिवारों के बच्चों का प्रमाणीकरण संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच .पटवारी ग्राम सेवक .या राजकीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक में से किसी एक द्वारा एक शहर में नगर पालिका ,नगर निगम की ओर से अधिकृत अधिकारी ,पटवारी राजकीय विद्यालय प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य ,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला अधिकारी एवं तहसीलदार में से किसी एक के द्वारा होगा
अवांछित गतिविधियों में लिप्त परिवारों के बच्चों का प्रमाणीकरण संबंधित थाने के प्रभारी पुलिस ,उप अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक में से किसी एक के द्वारा किया जाना चाहिए
प्रवेश में पूर्व की कक्षा राजकीय विद्यालय /राजस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त विद्यालय से उतीर्ण की होनी चाहिए
अनौपचारिक शिक्षा केंद्र से कक्षा 5 के विद्यार्थी भी कक्षा 6 में प्रवेश हेतु पात्र हैं|
निराश्रित बालगृह योजना (nirasheret balgarh yojna)
सामाजिक अधिकारिता विभाग योजना – विश्वास योजना (samajik adhikarita vibhag yojna – visvas yojna)
योजना के लाभ (yojna ke labh) –
भोजन, नाश्ता एवं विशेष भोजन की निःशुल्क व्यवस्था
नि:शुल्क आवास व्यवस्था ,चिकित्सा सुविधा
आवासीय परिसर में ही शिक्षण सुविधा
बिजली, पानी की उचित व्यवस्था
तेल, साबुन, बाल कटाई आदि की सुविधा
गद्दे ,कंबल ,चादर ,तोलिया, खोली आदि की व्यवस्था धुलाई
स्कूल यूनिफार्म आदि की व्यवस्था
समाचार पत्र- पत्रिका, टी.वी एवं खेलकूद की व्यवस्था|
3.राजस्थान के घटियाले के शिलालेख, आबू, रसिया की छतरी, समिधेश्वर के मंदिर, ईदगाह का शिलालेख (rajasthan ke ghatiyal ke shilalekh, aabu, rasiya, ki chatri, samidhevsar ke mandir, edgah ka shilalekh)