ऐतिहासिक साहित्य पृथ्वीराज विजय, etihasik sahitya prithviraj vijay

1 . ऐतिहासिक साहित्य पृथ्वीराज विजय – जयानक द्वारा रचित इस ग्रंथ में चौहान शासक द्वारा अजमेर साम्राज्य का विस्तार व पृथ्वीराज चौहान की विजयी की जानकारी मिलती है ।
राजवल्लभ- कुम्भा के शिल्पी मंडन द्वारा रचित शिल्पकला का ग्रंथ जिसमें नगर निर्माण कला की जानकारी मिलती है ।
एकलिंग जी महात्म्य – मेवाड़ के शासकों की वंशावली का ज्ञान , तत्कालीन वर्ण व्यवस्था एवं आश्रम व्यवस्था का उल्लेख क्या गया है । भट्टि काव्य ( 15वीं सदी ) जैसलमेर राज्य के विस्तार , जैसलमेर । एवं लोद्रवा के निर्माण तथा शासकों की उपलब्धियों की जानकारी प्राप्त होती हैं ।
राजविनोद ( सदाशिव द्वारा रचित ) – बीकानेर वासियों के रहन- सहन , रीति – रिवाज एवं आमोद – प्रमोद की जानकारी का ज्ञान प्राप्त होता है
वंशोत्कीर्तन काव्यम् – बीकानेर राज्य के मंत्री करमचन्द द्वारा रचित जिसमें – बीकानेर राज्य के विस्तार , राज्य का वर्णन , दान पुण्य । सम्बन्धी संस्थाओं आदि के बारे में जानकारी का ज्ञान प्राप्त करना है ।
अमरसार – महाराणा प्रताप , अमरसिंह प्रथम और कर्णसिंह के शासनकाल की जानकारी इस ग्रन्थ में उपस्थित है ।
राजस्थान का प्राचीन इतिहास (rajasthan ka parachin itihas)
सांस्कृतिक स्थापत्य एवं चित्रकला (sanskartik sthapatye avm chitrkala)
हम्मीर महाकाव्य, नयनचन्द्र सूरि द्वारा रचित, hammir mahakavya nayan chandra suri dwara rachit mahakavya
हम्मीर महाकाव्य ( नयनचन्द्र सूरि द्वारा रचित ) – चौहानों की वंशावली , मुस्लिम आक्रमणों की जानकारी ।
जगतसिहे काव्य ( रघुनाथ द्वारा रचित ) – महाराणा जगतसिह प्रथम की उपलब्धियों का वर्णन ।
अमर काव्य वंशावली – राजप्रशस्ति के लेखक रणछोड़ भट्ट द्वारा रचित इस ग्रन्थ में बापा से लेकर राणा राजसिंह तक के मेवाड़ के इतिहास की जानकारी मिलती है ।
राज रत्नाकार ( सदाशिव द्वारा रचित ) – महाराणा राजसिंह ,तक मेवाड़ के राजनीतिक इतिहास की जानकारी मिलती है ।
अजितोदय ( जगजीवन भट्ट द्वारा रचित ) — मारवाड़ के इतिहास की जानकारी मिलती है
मथुरा मानमोरी का शिलालेख (mathura manmori ka shilalekh)
महाराजा अजीतसिंह, वीर दुर्गादास राठौड़ (maharaja ajitsigh, veer durgadhas rathor) (1707-1724 ई.)
आऊवा का जम्मर( पुरुषों का जौहर) aahuva ka jammar(puruso ka johar)