राजस्थान के प्रतिहार राजवंश, rajasthan ke pratihar rajvansh

राजस्थान के प्रतिहार राजवंश, rajasthan ke pratihar rajvansh :-

राजस्थान के प्रतिहार राजवश
राजस्थान के प्रतिहार राजवश

राजवश की प्रारम्भिक जानकारी अधिक स्पष्ट नहीं है लेकिन इनके सम्बन्ध में आधिकारिक रूप से उल्लेख राजस्थान के प्रतिहार राजवश के इतिहास में उपस्थित हैं  जिससे अनुमान लगाया जाता है कि इन्होंने अपने राज की स्थापना सर्वप्रथम राजस्थान में की गई थी |जोधपुर से प्राप्त शिलालेखों से प्रतिहारों के मारवाड़ में लगभग छठी शताब्दी के द्वितीय चरण में अधिवासन होने के प्रमाण का उल्लेख मिलते हैं ।


राजस्थान के प्रमुख राजवंश – अग्निकुण्ड, ब्राह्मण, सूर्य व चन्द्रवंशी राजवंश (rajasthan ke pramuk rajvansh – agnikund, bhrahamn, surye v chandravanshi rajvansh)

राजस्थान में प्रतिहारों का सर्वप्रथम आगमन, rajasthan me pratiharo ka sarvapratham aagman :-

 प्रतिहारों का सर्वप्रथम आगमन छठी शताब्दी के उत्तरार्द्ध में मारवाड़ क्षेत्र में हुआ । उस समय राजस्थान का भू – भाग ‘ गुर्जरत्रा कहलाता था । तत्कालीन गुर्जरत्रा राज्य की राजधानी चीनी यात्री हेनसांग ने ‘ पीलो मोलो ‘( भीनमाल) बताई है । प्रतिहारों का साम्राज्य गुर्जर क्षेत्र में होने के कारण ये लोग गुर्जर – प्रतिहार कहलाये , कई ऐतिहासिक स्रोतों में उन्हें गुजरेश्वर ‘ भी कहा हैं।प्रतिहार शब्द जाति का सूचक नहीं , अपितु पद सूचक है । इसलिए प्राचीन शिला लेखों में ब्राह्मण प्रतिहार, क्षत्रिय प्रतिहार, गुर्जर प्रतिहार का प्रयोग मिलता है । जहाँ नागभट्ट को राम का प्रतिहार और विशुद्ध क्षत्रिय बताया है वहाँ जोधपुर के प्रशस्तिकार ने प्रतिहार जालौर , उपशाखा को ब्राह्मण वंश से चलने वाली अंकित किया है ।

–  कवि राजशेखर नेविद्धशाल भंजिका में अपने शिष्य महेन्द्रपाल प्रतिहार  को रघुकुल तिलक (सूर्यवंशीय क्षत्रिय ) कहाँ गया हैं।

–    जोधपुर के निकट ऑसियाँ के मंदिर प्रतिहार राजवंश की देन है

–     973 ई . की हर्षनाथ प्रशस्ति से स्पष्ट है कि उत्तरी भारत में प्रतिहारों का प्रबल राज्य था जिसमें चौहान राजा इनके सामन्त थे ।

–  प्रतिहार कालीन शिलालेखों में पदाधिकारियों के लिए ‘ राजवंश शब्द का उल्लेख क्या गया  है ।

मुहणोत नैणसी ने प्रतिहारों की 26 शाखाओं का वर्णन अपने ग्रंथों में किया है ।

इनमें से मण्डोर, जालोर, राजोगढ़,कन्नौज, उज्जैन एवं भड़ौच के प्रतिहार प्रसिद्ध हुए ।

1.राजस्थान की जनगणना – 2011(rajasthan ki janganna-2011) – सर्वाधिक(sarvadhik), न्यूनतम जनसंख्या(nivantam jansakhiya), सर्वाधिक, न्यूनतम वृद्धि दर


2.राजस्थान में सहकारिता आंदोलन (rajasthan me sahakarita aandolan)


3.राजस्थान में कांच उद्योग, कागज उद्योग, सीमेंट उद्योग (rajasthan me kanch uddhog, kagaj, cement uddhog)


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