राजस्थान की मिट्टियों का वर्गीकरण(rajasthan ke mittiyo ka vargikarn) :-

1. रेतीली बलुई मिट्टी – राजस्थान की मिट्टिया (retili bului mitti – rajasthan ki mittiya) :-
राजस्थान की मिट्टिया मुख्यता जैसलमेर, चूरु, जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर, जालौर, पाली एवं नागौर जिले के पश्चिमी भागों एवं श्री गंगानगर,हनुमानगढ़,जिले के मध्यवर्ती भागों को छोड़कर राजस्थान की मिट्टियों संपूर्ण क्षेत्र में मिलती है
यह मिट्टी मुख्यता तीन प्रकार की है
(A.) लाल रेतीली मिट्टी नागौर,जालौर,पाली,जोधपुर,झुंझुनू,सीकर,जिलों के कुछ भागों में मिलती है
(B.) पीली भूरी रेतीली मिट्टी नागौर, पाली, जिलों के कुछ भागों में मिलती है इसे सिरोजम मिट्टी भी कहते है
(C.) खारी या नमकीन मिट्टी राज्य के बाड़मेर, बीकानेर,जोधपुर,जैसलमेर,नागौर जिलों के निम्न भूमियों में मिलती है लवणीय मिट्टी|
2. भूरी रेतीली मिट्टी(bhuri retili mitti) :-
– राज्य के अर्ध मरुस्थलीय जिलों के विशेषकर जालौर, जोधपुर,सिरोही,पाली,नागौर,सीकर,झुंझुनू,बाड़मेर,मेंभूरी रेतीली मिट्टी मिलती है
-क्षेत्र में ज्वार,बाजरा,मूंग,एवंमोट की बारानी कृषि होती है
-नाइट्रोजन की अधिकता इस मिट्टी को उपजाऊ बनाती है दलहन फसलों हेतु उपयुक्त होती है
-क्षेत्र में 90 से 150 सेमी की गहराई पर चुने कीतरह मिलती है जिसे hard – pan कहते हैं|
राजस्थान में मिट्टी अपरदन की समस्या(rajasthan me miti apardan ki samsya)
3. लाल पीली मिट्टी(lal pili mitti) :-
– इस मिट्टी का विस्तार करौली, भीलवाड़ा, सवाई माधोपुर,अजमेर,टोंक इत्यादि जिला में है
– राजस्थान की मिट्टिया का पीला रंग,लोहाऑक्साइड के जल आयोजन की उच्च मात्रा के कारण होता है
– यह मिट्टी ग्रेनाइट चिटनिस इत्यादि चट्टानों के टूटने से बनती है इस मिट्टी में उमस एवं कार्बनिक पदार्थ की कमी रहती है|
4. लाल लोमी मिट्टी(lal lomi mitti):-
– इस प्रकार की मिट्टीडूंगरपुर एवं उदयपुर के केदक्षिण मध्य भाग में मिलती है
– लोहा ऑक्साइड की अधिकतासे मिट्टी का रंग लाल होता है
– प्राचीन स्फटिकीय एवंकायांतरित तथा चट्टानों से निर्मित हुई है इस मिट्टी में नाइट्रोजन फास्फोरस तथाकैल्शियम के लवण की कमी एवं लोहा तत्व तथा पोटाश के तत्व की अधिकता होती हैं
– यह मिट्टी मक्के की फसलके लिए विशेष उपयोगी है |
त्रिवेणी संगम – माही, सोम, जाखम नदियां(triveni sangam – mahi, som, jakham nadiya)
5. मिश्रित लाल काली मिट्टी(mishrit lal kali mitti):-
– यह मिट्टी उदयपुर राजसमंद,भीलवाड़ा,चित्तौड़गढ़,एवंबांसवाड़ा जिले के अधिकांश भागों में मिलती है
– यह मिट्टी मालवा के पठार की काली मिट्टी एवं दक्षिणी अरावली की लाल मिट्टी का मिश्रण है
– इस मिट्टी में पोस्टपेड,नाइट्रोजन,कैल्शियमएवं कार्बनिक पदार्थ की कमी होती है|