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राजस्थान की जलवायु की मुख्य विशेषताएँ – डां. ब्लादिमिर कोपेन का जलवायु वर्गीकरण(rajasthan ki jalvayu ki mukhye viseshtaye – dr. bladimir kopen ka jalwayu vargikarn)

राजस्थान की जलवायु की मुख्य   विशषताएँ(rajasthan ki jalvayu ki mukhye viseshtaye) :-

राजस्थान की जलवायु
 जलवायु

राजस्थान की जलवायु का अर्थ :- किसी स्थान विशेष की दीर्घकालीन वायुमंडलीय दशाए राजस्थान की  जलवायु कहलाती है |  

यह प्रदेश 23 डिग्री व 3 मिनट से 30 डिग्री व 12 मिनट उत्तरी अक्षांशो के मध्य फैला है |

इस अक्षांश के मध्य भारत के निम्न राज्य आते है – उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड और पश्चिमी बंगाल आदि है |            

राजस्थान का दक्षिण भाग कच्छ की खाड़ी से 225 km तथा अरब सागर 400 km  की दुरी पर स्थित है           

यहां पर महाद्वीपीय जलवायु के लक्षण पाए जाते हैं

राजस्थान का अधिकतर भाग समुद्र तट से 370 मीटर से कम ऊंचाई पर स्थित हैं जिस कारण जलवायु में शुष्कता उष्णता होना स्वभाविक माना गया है राजस्थान में कर्क रेखा दो जिला डूंगरपुर बांसवाड़ा से गुजरती हैं इस कारण राजस्थान का अधिकांश भाग शीतोष्ण कटिबंध उपोष्ण कटिबंध में सम्मिलित हैं

 जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक राजस्थान में निम्न है

राजस्थान के जलवायु प्रदेश – शुष्क जलवायु, अर्ध शुष्क जलवायु, आर्द्र जलवायु (rajasthan ke jalvayu pradesh – shushk jalvayu, ardh shushk jalvayu, aaddhra jalvayu)

मिट्टी की प्रकृति वनस्पति रहित क्षेत्र आंतरिक स्थिति चट्टानों की नग्नता आदि है

राजस्थान के दो क्षेत्र आबू पर्वत भोराट के पठार गर्मी के मौसम में भी ठंडे बने रहते हैं

शीतकाल में उत्तर पश्चिमी राजस्थान में होने वाली अल्पवर्षा मावठ कहलाती हैं

राज में वर्षा का वार्षिक औसत 57.51 सेंटीमीटर हैं

राजस्थान में सर्वाधिक दैनिक तापमान पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर जिले में होता है जो 18 डिग्री सेल्सियस तक पाया जाता है 

राजस्थान में ग्रीष्म ऋतु का तापमान 35 डिग्री से 40 डिग्री तथा वर्षा ऋतु में 28 डिग्री से 30 डिग्री तथा शीत ऋतु में औसत तापमान 12 डिग्री से 17 डिग्री सेल्सियस तक होता है

मध्यम काली मिट्टी(madhyam kali mitti), कछारी मिट्टी जलोढ़(kachhari mitti jalidh), भूरी मिट्टी(bhuri mitti)

डां. ब्लादिमिर कोपेन का जलवायु वर्गीकरण (dr. bladimir kopen ka jalwayu vargikarn) :-

कोपेन का यह वर्गीकरण वनस्पति के आधार पर है जिसे उन्होंने 4 जलवायु प्रदेशों में बांटा है
1. Aw या उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश :-
इस क्षेत्र की विशेषता यह है की यहां गर्मियों में अधिक गर्मी तथा सर्दियों में अधिक सर्दी पड़ती हैं राजस्थान के बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर के दक्षिण भाग इसके अंतर्गत आते हैं
2. Bwhw या शुष्क उष्ण मरुस्थलीय प्रदेश :-
इस प्रदेश की विशेषता यह है कि यहां वसा की कमी, वाष्पीकरण की अधिकता ,एवं वनस्पति का अभाव  है राजस्थान के  हनुमानगढ़ जैसलमेर श्रीगंगानगर बीकानेर तथा जोधपुर का उत्तर पश्चिमी भाग इसके अंतर्गत आता होता है |

3.Bshw या अर्ध शुष्क जलवायु प्रदेश :-इस क्षेत्र की विशेषता में शुष्क जलवायु, कम वर्षा, कांटेदार झाड़ियां इत्यादि सम्मिलित है यह राजस्थान के नागौर, सीक,र जोधपुर, चुरू, झुंझुनू ,बाड़मेर, पाली, जालोर एवं सिरोही जिले के अंतर्गत आता है यह राजस्थान का सर्वाधिक जलवायु क्षेत्र इसके अंतर्गत आता है
4. Cwg या उप आर्द्र  जलवायु प्रदेश :-
क्षेत्र की विशेषता यह है की यहां अधिकतर वृषा वर्षा ऋतु में होती और अविरल वनस्पति तथा सामान्य आद्रता होती हैं राजस्थान का अरावली के दक्षिण पूर्व के सभी जिले इसके अंतर्गत सम्मिलित हैं


1.राजस्थान में थार मरुस्थल में मिट्टी संबंधी अन्य समस्या(rajasthan me thar marusthal me miti samndit anye samsya)


2.राजस्थान में मिट्टी अपरदन की समस्या(rajasthan me miti apardan ki samsya)


3.राजस्थान के थार मरुस्थल की सबसे लंबी नदी – लूनी नदी(rajasthan ke thar marusthal ki sabse lambi nadi – luni nadi)


                                                               

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