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ramgarh vishdhari abhyaran bundi, sariska abhyaran, sita mata abhyaran, rashtriya chambal ghadiyal abhyaran, राजस्थान के अभयारण्य, रामगढ़ विषधारी अभयारण्य( बूंदी), सरिस्का अभयारण्य, राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य, सीता माता अभ्यारण्य (प्रतापगढ़ , चित्तौड़गढ़ एवं उदयपुर )

(1.)  रामगढ़ विषधारी अभयारण्य( बूंदी)(ramgarh vishdhari abhyaran bundi) :-

–  रामगढ़ विषधारी अभयारण्य की स्थापना बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी क्षेत्र में 20 मई 1982 को की गई( कुलक्षेत्रफल 307.40 वर्ग किमी)  

 –  रामगढ़ विषधारी अभयारण्य का प्रमुख आकर्षण जंगली कुत्ते हैं इनके अलावा बाघ ,नीलगाय , बघेरा , जंगली मुर्गी आदि वन्यजीव मिलते हैं 

(2.) सीता माता अभ्यारण्य (प्रतापगढ़ , चित्तौड़गढ़ एवं उदयपुर )(sita mata abhyaran) :-

–  यह अभयारण्य चित्तौड़ प्रतापगढ़ जिलो में उपस्थित है जो 2 जनवरी 1979 को 422.94 वर्ग किमी क्षेत्र में स्थापित किया गया है 

–  यहां पर प्रमुख आकर्षण  उड़न गिलहरियां (रेड फ्लाइंग स्कविरल पेटोरिस्टा एल्बीवेन्टर)  तथा उड़न छिपकली है 

–  यह अभयारण्य सागवान के वनो के लिए जाना जाता है

–  इस अभयारण्य मैं एंण्टीलोप  प्रजाति का दुर्लभ वन्य जीव चौसिंघा (भेडल)  राज्य में सर्वाधिक संख्या में मिलता है 

–  बघेरा , सांभर , नीलगाय जरख,चिकारा , बंदर , सियार और मगरमच्छ , उल्लू एवं तेंदुआ अन्य महत्वपूर्ण वन्य जीव हैं 

–  उड़न गिलहरी महुआ के वृक्ष में रहती है इनके पैर पैराशूट की आकृति में होते हैं और यह दिन में नहीं देख सकती महुआ की पत्तियां इन का मुख्य भोजन है आरामपूरा क्षेत्र में यह बहुतायत में पाई जाती हैं 

–  आयुर्वेद के अनुसार हिमालय के बाद सर्वाधिक औषधियां इस अभयारण्य में मिलती हैं

–   यहां पैंगोलिन ( आडा हुला ) भी पाया जाता है 

– इसे चितल की मातृभूमि का जाता है 

–  यहां जाखम नदी पर जाखम बांध बना है

–   यहां पर गर्म या ठंडे पानी के झरने बहते हैं

1.राजस्थान के राष्ट्रीय उद्यान, रणथंबोर(सवाईमाधोपुर),केवलादेव(भरतपुर),मुकुंदरा हिल्स(कोटा चित्तौड़गढ़)(rajasthan ke rashtriy uddhan) 

2.राजस्थान के वन्य जीव अभयारण्य, राष्ट्रीय मरूउद्यान (जैसलमेर ,बाड़मेर), जयसमंद अभयारण्य (उदयपुर)(rajasthan k vany jiv abhayarany)

3.राजस्थान के अभयारण्य – तालछापर अभयारण्य (चूरू ), वन विहार अभयारण्य (धौलपुर ), माउंट आबू अभयारण्य (सिरोही)(rajasthan ke abhayarany)

(3.)  सरिस्का अभयारण्य( sariska abhyaran ) :- 

रामगढ़ विषधारी
सरिस्का अभयारण्य

– राजस्थान में सबसे कम क्षेत्रफल( 3.01वर्ग किमी)  वाला वन्यजीव अभ्यारण है जो सरिस्का अभ्यारण्य से सटा हूआ है

–   यह अभयारण्य 26 जून 2012 को स्थापित किया गया है इसे पूर्व से सज्जनगढ़ सबसे छोटा अभयारण्य है

(4.)  राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य(rashtriya chambal ghadiyal
abhyaran ) :- 

–  इसकी स्थापना वर्ष 1979 में राजस्थान मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित चंबल नदी के कुल 274.75 क्षेत्र में की गई है 

–  राजस्थान में कोटा , सवाई माधोपुर , करौली , धौलपुर जिले की चंबल क्षेत्र से इसमें शामिल किया जाता है 

–   इस अभयारण्य में घडियालो के अलावा मगरमंच , कछुआ , मछलियां एवं गंगाई डॉल्फिन  शिशुमार  का संरक्षण किया जाता है 

–  चंबल के तटो पर उदबिलाव , नदीय टर्न,  जरख,  जंगली सूअर ,रीछ, गोह एव सर्प को संरक्षण दिया जा रहा है मध्यप्रदेश सरकार ने इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल करवाने हेतु प्रयास किया है

–   यहा कछुओ की आठ जातिया मिलती है |

–  गागेय सुंस नामक जलचर स्तनपायी इसी अभयारण्य में पाया जाता है

1.सोजत, जोधपुर और जैसलमेर में राव मालदेव का इतिहास(sojat, jodhpur or jesalamer me rav maladev ka itihas)

2.राव चन्द्रसेन और मुगलों का शासन, गिरी – सुमेल का युद्ध (rav chandrasen or mugalo ka shasan, giri sumer yuddh) 

3.चौहान राजवंश के शासको, वासुदेव, विग्रहराज द्वितीय, अजयराज, अर्णोराज तथा विग्रहराज चतुर्थ(chohan rajavansh k shasako,vasudev,vigrahraj dhvitiy,ajeyraj,arnoraj tatha vigrahraj)

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