वीर कल्लाजी ( कल्ला राठौड़ ) (veer kallaji, kalla rathor)
‘ कीरत कल्ला राव री , हेलो कोस हजार । बाँह पकड़ बैठा करें, देखो कर पुकार । । चार हाथों वाले लोकदेवता कल्ला राठौड़ मीरा बाई के भतीजे थे । इनका जन्म मेड़ता परगने के शासक राव जयमल राठौड़ के छोटे भाई आससिंह के यहाँ विक्रम संवत 1601 में हुआ । इनके गुरु योगी जलन्धरनाथ थे । कल्ला राठौड़ ने अपनी कुलदेवी नागणेची की आराधना करके एवं सिद्धि प्राप्त की थी । कल्लाजी को आयुर्वेद एवं जड़ी – बरि का अच्छा ज्ञान था , उन्हें कई असाध्य रोगों का इलाज कर में सिद्धि प्राप्त थी । 1567 ई . में जब अकबर ने मेवाड़ महाराणा उदयसिंह के शासन में आक्रमण किया तो उदयसिंह की ओर से जयमल राठौड ( वीर कल्ला जी के ताऊ ) ने युद्ध में अद्भुत वीरता का परिचय दिया था
युद्ध में कल्ला राठौड़ ने जयमल को कंधे पर बिठाकर दोनों हाथों में तलवारें लेकर वीरतापूर्वक युद्ध लड़ा । इस प्रकार युद्ध में चार तलवारें एक साथ चलती हुई दिखीं , इसी आधार पर कल्लाजी को ‘ चार हाथों वाला देवता ‘ कहा जाने लगा ।वीर कल्ला जी को राजस्थान के विभिन्न भागों में ‘ केहर ‘ कल्याण ‘ , ‘ कमधज ‘ , ‘ योगी ‘ एवं ‘ बाल ब्रह्मचारी लोकदेवता के रूप में पूजा जाता है ।
राजस्थान के बाँसवाड़ा जिले में इनकी अधिक मान्यता है ।
यहाँ पर कल्लाजी के दौ सौ से अधिक मन्दिर बने हुए हैं ।
कल्लाजी की पूजा नाग रूप में की जाती है एवं इन्हें ‘ शेषनाग का अवतार माना जाता है ।
1.राजस्थान के लोकवदेता, रामदेवजी (rajasthan ke lockvadevta, ramdevji)
2.महानायक पाबूजी (mahanayak pabuji)
3.साँपों के देवता गोगाजी (sapo ke devta goga ji)
हड़बू जी (harabu ji)
हडबुजी भंडेल ( नागौर ) के शासक मेहाजी सांखला के पुत्र थे । ऐसा माना जाता है कि हड़बूजी राव जोधा के समकालीन थे तथा राव जोधा को मेवाड़ के अधिकार से मारवाड़ को मुक्त करवाने के लिए तलवार एवं कटार भेंट की थी । मंडोर विजय के उपरांत राव जोधा ने हड़बूजी को बेंगटी गाँव प्रदान किया बेंगटी ( जोधपुर जिले की फलौदी तहसील में ) में हड़बू जी का प्रधान प्रमुख स्थान है , यहाँ पर हड़बू जी की गाड़ी की पूजा होती है । हड़बू जी रामदेव के मौसेरे भाई थे , तथा इन दोनों के गुरु भी बालीनाथ जी थे । रामदेवजी द्वारा रचित वाणियों में हडबू जी के बारे में कहा गया है हड़बू जी सांखला हर दम हाजिर गाँव बेंगटी माहीं
दूजी देह म्हारी ही जाणों , हाँ मासी जाया भाई । ।
हड़बूजी शकुन शास्त्र के ज्ञाता , वचनसिद्ध एवं चमत्कारी महापुरुष थे । इनके पुजारी सांखला राजपूत होते हैं ।
1.जाट लोकदेवता तेजाजी (jaat lockdevta tejaji)
2.देवनारायण जी गुर्जर (devnarayan ji gurjar)
3.राजस्थान की कला एवं संस्कृति (rajasthan ki kala avm sanskarti)