WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

फतेहसागर झील उदयपुर, पुष्कर झील अजमेर (phatehasagar jeel udaypur, puskar jeel ajmer)

फतेहसागर झील उदयपुर (phatehasagar jeel udaypur)

फतेहसागर झील उदयपुर
फतेहसागर झील उदयपुर

– उदयपुर के उत्तर में स्थित झील एक (स्वरूप सागर) द्वारा पिछोला झील में जुड़ी हुई है फतेहसागर झील उदयपुर का निर्माण महाराणा जयसिंह ने 1687 मे करवाया था बाद में महाराणा फतेह सिंह ने 1900 में इसका जीर्णोद्धार करवाया !

– इसकी नींव का पत्थर ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखे जाने के कारण इसे कनॉट बांध भी कहते है

– फतेहसागर झील के किनारे मोती मगरी में महाराणा प्रताप की धातु प्रतिमा( प्रताप स्मारक )लगी हुई है निकट ही सहेलियों की बाड़ी नामक सुंदर बगीचा स्थित है जिसका निर्माण महाराणा संग्राम सिंह द्वारा तथा पुननिर्माण मेवाड़ के महाराणा फतेह सिंह द्वारा करवाया गया था!

– फतेहसागर झील में एक टापू पर नेहरू पार्क तथा दूसरे पर सौर वेधशाला स्थित है ||


1.स्वस्थ भारत मिशन ग्रामीण योजना (svastha bhart missan gramin yojana)


2.श्री योजना (Shree yojana)


3.मगरा क्षेत्रीय विकास योजना (magra chetriya vikas yojana)

पुष्कर झील(अजमेर) (puskar jeel ajmer)

– अजमेर में 11 किमी की दूरी पर उत्तर पश्चिम में अजमेर नागौर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग 89) पर भारत में सबसे पवित्र मानी जाने वाली पुष्कर झील स्थित है झील के किनारे कुल 52 घाट बने हुए हैं जिससे सबसे बड़ा (गौघाट) बना हुआ है ब्रम्हघाट एवं वराघाट भी महत्वपूर्ण है इन घाटों का निर्माण 944 ईस्वी में मंडोर के शासक महाराव परिहार ने करवाया था वह घाट का पुनः निर्माण मराठा सरदार राम ने 1809 ईस्वी में करवाया कहा जाता है कि गौ घाट पर सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने 1705 की ई में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया था वर्ष 1911 ईस्वी में इंग्लैंड की महारानी मेरी की यात्रा की याद में पुष्कर के किनारे क्वीन मैरी जनाना घाट बनवाया गया

पुष्कर सरोवर (pushkar sarovar) –

पद्म पुराण के अनुसार पुष्कर सरोवर का निर्माण प्रजापिता ब्राह्मण द्वारा करवाया गया

– झील के किनारे ब्राह्मण जी का भारत में एकमात्र प्रसिद्ध मंदिर स्थित है बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण एवं ब्राह्मण जी की मूर्ति की स्थापना आदि शंकराचार्य ने करवाई थी बाद में वर्तमान मंदिर का निर्माण गोकुल चंद पारीक ने 1809 विक्रमी में करवाया (1752 ई) झील के किनारे सावित्री मंदिर (रतन गिरी पर्वत की चोटी पर )रंगनाथ जी (रमा बैकुंठ) का मंदिर (दक्षिण भारतीय शैली में ),वराह मंदिर आत्मा श्वर महादेव मंदिर एवं गायत्री मंदिर स्थित है

– झील के निकट ही बुड्ढा (वृद्ध )पुष्कर एवं कनिष्ठ पुष्कर नामक तीर्थ स्थल स्थित है

– पुष्कर झील के किनारे आमेर के राजा मानसिंह प्रथम द्वारा निर्मित मान महल स्थित है जहां वर्तमान में आर . टी. डी. सी. द्वारा होटल सरोवर संचालित किया जा रहा है पुष्कर में प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक पांच दिवसीय विशाल मेला भरता है क्योंकि कार्तिक पूर्णिमा को पुष्कर सरोवर में स्नान करने का विशेष धार्मिक महत्व है इस दौरान यहां विशाल पशु मेला भी आयोजित होता है

– कनाडा के सहयोग में इस झील को गहरा व स्वस्थ रखने की योजना चल रही है|

1.संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (sampuran gramin rojgar yojana)(S.G.R.Y)


2.डांग क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम, जनता जल योजना (dhang chetriya vikas karyakram, janta jal yojana)


3.मेवात क्षेत्रीय विकास योजना, जिला नवाचार निधि योजना (mevat chetriya vikas yojana, jila navachar nidhi yojana)


Leave a Comment