WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

देवनारायण जी गुर्जर (devnarayan ji gurjar)

देवनारायण जी गुर्जर (devnarayan ji gurjar)

देवनारायण जी  गुर्जर
देवनारायण जी गुर्जर

गुर्जर समाज के आराध्य लोग देवता देवनारायण जी को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है देवनारायण जी को देवजी भगवान श्री देवनारायण ‘ , ‘ ऊदल जी ‘ , ‘ ऊदल भगवान ‘ आदि नामों से भी जाना जाता है ‘ गोठाँ दड़ावत ‘ नामक गाँव में हुआ था

यहाँ पर देवजी का मूल देवरा ( मन्दिर ) बना हुआ है ।

राजस्थान में देवनारायणजी के चार प्रमुख मन्दिरों को चार धाम कहा जाता है ।

गोठाँ दड़ावताँ ( आसीन्द ) , देवधाम जोधपुरिया ( निवाई , टोंक ) , देवमाली ( अजमेर ) एवं देव डूंगरी (चित्तौड़गढ़)

1.राजस्थान की कला एवं संस्कृति (rajasthan ki kala avm sanskarti)


2.अब्दुल कलाम फारसी संस्थान, रवीन्द्र रंगमंच, जयपुर कत्थक केन्द्र, गुरुनानक संस्थान (abdul kalam farasy sansthan, ravindra ragmanch, jaipur katthak kendra, gurunanak sansthan)


3.राजस्थान में कला एवं संस्कृति (rajasthan me kala avm sanskarti)

नागवंशीय गुर्जर बगड़ावत (nagvanshiya gurjar bagadavat)

देवजी के पिता सवाई भोज आसीन्द के नागवंशीय गुर्जर बगड़ावत ‘ शासक थे ।

इन्हें भोज बगड़ावत ‘ भी कहा जाता है । इनकी माता । का नाम सेडू खटाणी था । देवजी के बचपन का नाम उदयसिंह ( ऊदल ) था । धार ( मध्यप्रदेश ) के राजा जयसिंह की पुत्री पीपलदे को देवजी ने अपने आयुर्वेद के ज्ञान से स्वस्थ किया एवं पीपलदे से विवाह रचाया देवजी के घोड़े का नाम ‘ लीलागर ‘ था । देवनारायण जी के मन्दिर को ‘ देवरा ‘ कहा जाता है , यहाँ पर मूर्ति ब्यावर , के स्थान पर ईंटों की पूजा होती है । देवनारायणजी पूर्वी एवं दक्षिणी राजस्थान , हरियाणा , उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश एवं गुजरात में बसे गुर्जर समुदाय के लोगों के आराध्य देवता कहाँ जाता हैं ।

देवनारायण जी का प्रमुख मेला भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को देवधाम जोधपुरिया ( टोंक ) में भरता है ।

1.रूपायन संस्थान, नगर श्री लोक – संस्कृति शोध संस्थान, राजस्थान राज्य अभिलेखागार (rupayan sansthan, nagar shree lock – sanskarti shodh sansthan, rajasthan rajye abhilekhagar)


2.राजस्थाल साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी (rajasthal, sahitya akadami, rajasthani bhasha, sahitya avm sanskarti akadami)


3.राजस्थान की संस्कृति (rajasthan ki sanskarti)


Leave a Comment