(1.) तालछापर अभयारण्य (चूरू ) :-
– राजस्थान के अभयारण्य – 4 अक्टूबर 1962 को चुरू जिले की सुजानगढ़ तहसील के 7.19 वर्ग किमी क्षेत्र में स्थापित एवं अभयारण्य काले हिरणो एवं प्रवासी पक्षी कुरजा के लिए प्रसिद्ध है
– राजस्थान के अभयारण्य में तालछापर नामक झील है वर्षाकाल में यहां पर मोतियासाइप्रस रोटन्डस नामक नर्म घास उगती हैं
– महाभारत काल में छात्रों के नाम से जाना जाता था जहां पर गुरु द्रोणाचार्य का आश्रम था
(2.) वन विहार अभयारण्य (धौलपुर ) :-
राजस्थान के अभयारण्य धौलपुर से 20 किमी दूर रामसागर झील के निकट 25.60 वर्ग किमी क्षेत्रमें फैला है( स्थापना 1 नवंबर 1955 को)
– यहां के प्रमुख वन्य जीव रिछ, शेर , चिता , सांभर , चितल, बघेरा एवं नीलगाय हैं
– तालाब ए शाही झील चंबल नदी की निकटता से यह अभयारण्य पक्षियों कीउत्तम आश्चर्य स्थली है
1.बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र,चंबल,पार्वती नदी(bangal ki khadi ka apavah tantra)
2.राजस्थान में वनों के प्रकार(शुष्क सागवान वन,शुष्क वन,मिश्रित पतझड़ वन)
(3.) माउंट आबू अभयारण्य (सिरोही) :-
– राजस्थान का यह अभयारण्य सिरोही जिले के माउंट आबू क्षेत्र में 326.10 वर्ग किमी में 15 अप्रैल 2008 को स्थापित कियागया है
– यहां की प्रमुख विशेषता जंगली मुर्गी एवं आबू एन्सिस डिकिल्पटेरा नामक वनस्पति हैं
– यहां पर उगने वाली विशेष घास को स्थानीय भाषा में कारा कहते हैं
– यहां के प्रमुख वन्य जीव भेड़िया , शेर , चीता , तेंदुआ ,जंगली सूअर , एवं अभयारण्य में प्राकृतिक रूप से फलों के बाग पाए जाते हैं
(4.) जवाहर सागर अभयारण्य (कोटा , बूंदी) :-
– यहां बास के वन पाए जाते हैं (182.11 वर्ग किमी क्षेत्र)
– 9 अक्टूबर 1975 को स्थापित इस अभयारण्य में कोटा जिले के जवाहर सागर बांध का निकटवर्ती क्षेत्र सम्मिलित हैं
– इस अभयारण्य का प्रमुख उद्देश्य घड़ियालो का संरक्षण एवं मगरमंचों का प्रजनन विकसित कर उनकी संख्या में वृद्धि करना है
– यह एक जलिय अभयारण्य है
– यहां पर कोटा बांध , गैपरनाथ का मंदिर एवं गरडिया महादेव स्थित हैं
(5.) राजस्थान के अभयारण्य – दर्रा अभयारण्य (कोटा ,झालावाड़) :-
– कोटा एवं झालावाड़ जिला में 1 नवंबर 1955 को स्थापित किया अभयारण्य 10.4 4 वर्ग किमी क्षेत्रमें विस्तृत हैं राजस्थान के अभयारण्य मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान से सटा हुआ है
(6.) कुंभलगढ़ अभयारण्य (राजसमंद , पाली , उदयपुर) :-
– इस अभयारण्य की स्थापना राजसमंद , पाली , उदयपुर जिलों के 610.53 वर्ग किमी क्षेत्रमें 13 जुलाई 1971 को की गई है यह अभयारण्य सांभर , रीछ, भालू , बारहसिंघा एवं जंगली भेड़िया के लिए प्रसिद्ध है – कुंभलगढ़ दुर्ग , जैन तीर्थ रणकपुर एवं मूँछला महावीर इसी क्षेत्र मेंउपस्थित हैं
1.राठौड़ राजवंश का इतिहास(मालाणी के राठौड़,जोधपुर ( मारवाड़ ) के राठौड़,)
2.जोधपुर के राजा राव सातल, राव सूजा और राव गांगा (jodhpur k raja rav satal , rav suja or rav ganga)