(1.) कुनू(कुनेर)(kunukuner) :-
– बंगाल की खाड़ी –यह मध्यप्रदेश में गुना से निकलकर बाँरा जिले में मुसेरी गांव से राजस्थान में प्रवेश करती हैं!
– बाँरा जिले को पार करके पुनः मध्यप्रदेश से बहती हुई तथा करौली की सीमा पर चंबल से मिल जाती है, बंगाल की खाड़ीमें प्रवेश करती हैं!
(2.) बामनी (bamani), बंगाल :-
– हरिपुरा (चित्तौड़गढ़ ) की पहाड़ियों से निकलकर भैसरोडगढ के निकट चंबल में मिल जाती है! जहां पर बैसरोडगढ़( राजस्थान कावेल्लोर) का जल दुर्ग स्थित हैं
(3.) काली सिंध नदी(kali sindhi nadi) :-
– बागली गांव (देवास- मध्य प्रदेश) से निकलकर यह नदी अपने गांव( झालावाड़) के समीप राज्य में प्रवेश कर लेती है
– गागरोनगढ़ से निकट इसमें आहु में मिल जाती है तथा राजगढ़ (कोटा) से समीप इसमें परवन नदी भीमिल जाती हैं!
– यदि नदी कुल 278 किमी की दूरी तय करके उसके बाद नरेगा (कोटा) के समीप चंबल में घुल जाती हैं ! तो राजस्थान में यह 145 किमी बहती है!
(5.) आहु नदी(aahu nadi) :-
– सुसनेर(मध्य प्रदेश) से निकलकर नंदपुर( झालावाड़) के समीप राजस्थान में प्रवेश करती है कोटा झालावाड़ जिलों की सीमा बनाते हुए नदी गागरोनगढ (झालावाड़ )काली सिंध में मिल जाती हैं
– गागरोनगढ(झालावाड़) काली सिंध एवं नदियों के संगम पर स्थित हैं
(6.) नेवज नदी(निमाज)(nevaj nadi) :-
– मालवा के पठार में राजगढ़ जिले( मध्य प्रदेश) से निकल कर कोलूखेड़ी( झालावाड़) से समीप राजस्थान में प्रवेश करके मवासा (झालावाड़ )के निकट परवन नदी में मिल जाती है
2.जोधपुर के राजा राव सातल, राव सूजा और राव गांगा (jodhpur k raja rav satal , rav suja or rav ganga)
3.बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र,चंबल,पार्वती नदी(bangal ki khadi ka apavah tantra)