राजा भारमल (raja bharmal)(1547 – 1573 ई.)
भारमल राजस्थान के ऐसे प्रथम शासक थे , जिन्होंने मुगलों की अधीनता स्वीकार की । राजा भारमल ने चगताई खाँ की मदद से अकबर से मुलाकात की तथा उसकी अधीनता स्वीकार करके अपनी पुत्री हरका बाई ( जोधाबाई ) का विवाह अकबर से कर दिया । 7 बाई की कोख से शहजादे सलीम का जन्म हुआ , सलीम ( जहाँगीर ) ने हरका बाई का नाम मरियम – उज्जमानी रखा । । राजा भारमल ने अपने पुत्र भगवन्तदास व पौत्र मानसिंह | को अकबर की सेवा में भेज दिया ।
कोकिल देव (kokil dev)
दूलहराय के पौत्र कोकिलदेव ने 1207 ई . में आमेर के स्थानीय मीणाओं को हराकर , आमेर को अपनी राजधानी बनाया
जो जयपुर नगर की स्थापना ( 1727 ई . ) तक कच्छवाह शासकों की राजधानी रहा ।
आमेर (जयपुर) के कच्छवाह (aamer jaipur ke kachavah)
कच्छवाह वंश के शासक स्वयं को भगवान रामचन्द्र के पुत्र कुश का वंशज मानते हैं ।
आमेर जयपुर के कच्छवाह वंश के राज्य की स्थापना ( 1137 ई . ) ढूंढाड़ ( दौसा व रामगढ़ ) बड़गूजरों एवं मीणों को हराकर दूलहराय ने की जो नरवर ( मध्यप्रदेश ) शासक सोढ़ देव के पुत्र थे ।
शक्तिकुमार, वैरिसिंह, विक्रमसिंह, जैत्रसिंह (shaktikumar, verisingh, vikramsingh, jetrasingh)
राजा भगवन्तदास (raja bhagvantdas)(1573 – 1589 ई.)
भारमल के पुत्र राजा भगवन्तदास ने अपनी पुत्री मानबाई का विवाह शहजादे सलीम से किया । | भगवन्तदास की मृत्यु लाहौर में हुई ।
राणा हम्मीर, महाराणा मोकल, महाराणा मोकल (rana hammir, maharana mokal, maharana mokal)
मानसिंह प्रथम (mansing partham)(1589 – 1614 ई.)
भगवन्तदास की मृत्युपरांत 1589 ई . में आमेर का शासन मानसिंह ने संभाला ।
अकबर के नवरत्नों में से एक मानसिंह को अकबर ने अकबर के समय का सर्वोच्च 7000 का मनसब प्रदान किया ।
बंगाल व बिहार का गवर्नर बनकर मानसिंह ने मुगल सत्ता के विस्तार में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया ।
महाराणा प्रताप के विरुद्ध हल्दीघाटी के युद्ध में मानसिंह ने मुगल सेना का नेतृत्व संभाला ।
मानसिंह ने बंगाल के जैस्सोर से शिलादेवी की मूर्ति को लाकर आमेर के महलों में स्थापित करवाया । मानसिंह ने अपने पुत्र जगतसिंह की याद में जगत शिरोमणि मंदिर का निर्माण आमेर में करवाया ।अकबर के उत्तराधिकारी संघर्ष में मानसिंह ने खुसरो का साथ दिया जिससे नाराज होकर बादशाह बनने के पश्चात् जहाँगीर ने उसे ( मानसिंह ) बंगाल अभियान पर भेजा जहाँ 1614 में इलचीपुर में उसकी मृत्यु हो गई ।
मानसिंह की मृत्युपरान्त जहाँगीर ने उनके पुत्र भावसिंह को शासक बनाया ( 1614 – 1621 )
1.महाराणा सांगा व इब्राहीम लोदी (maharana sanga v ebrahim lodi)
2.महाराणा रायमल, महाराणा सांगा (maharana raymal, maharana sanga)
3.फतेहसागर झील उदयपुर, पुष्कर झील अजमेर (phatehasagar jeel udaypur, puskar jeel ajmer)