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राजस्थान में थार मरुस्थल में मिट्टी संबंधी अन्य समस्या(rajasthan me thar marusthal me miti samndit anye samsya)

राजस्थान में थार मरुस्थल में मिट्टी संबंधी अन्य समस्या(rajasthan me thar marusthal me miti samndit anye samsya)

राजस्थान में थार मरुस्थल में मिट्टी  संबंधी अन्य समस्या
राजस्थान में थार मरुस्थल में मिट्टी संबंधी अन्य समस्या

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मिट्टी संबंधी अन्य समस्या (miti samndit anye samsya):-

(1) मरुस्थलीय प्रसार :- थार का मरुस्थल उत्तर पूर्व की ओर राजस्थान हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है | वनस्पतियों के कारण वनों की गति के कारण मिट्टी का उडकर उत्तर पूर्व की ओर बढ़ रही है इस हेतु 1959 में central Arid Zone Research Institute(cazri) की स्थापना जोधपुर में की गई |

(2) कृषि भूमि की उर्वरा शक्ति का कम होना :- विभिन्न प्रकार का अपरदन वर्षा की कमी एवं पोषक तत्वों की आपूर्ति ना होने से राज्य की मिट्टी उसे एवंअनुपजाऊ होती जा रही है| 

(3) जलाधिक्य की समस्या :- जब किसी क्षेत्र में जल का स्तर फसल के जल क्षेत्र में स्थिति मिट्टी की उर्वरता को रोकदें जिससे कि मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी तथा कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता हो जाएइस समस्या के निवारण हेतु जल निकासी आवश्यक है |

(4) खरपतवार की समस्या :- फसलों के साथ उपजाने वाले अनावश्यक पौधों एवं घास को खत पतवार कहते हैं जो मिट्टी के पोषकतत्वों का अवशोषण करते रहते हैं इस समस्या को निदान खरपतवार के समय रहते मानवीयश्रम से उखाड़ एवं फसलों में हार – फेर करना  

राजस्थान में कहीं-कहीं सिंचाई के जल में कार्बोनेट की मात्रा अधिक होती हैं जिससे तेलियापानी कहते हैं|

राजस्थान में मिट्टी अपरदन की समस्या(rajasthan me miti apardan ki samsya)

 ऊसर भूमि सुधारने के उपाय(usar bhumi sudharne ke upay) :-

(1) भूमि समतल करना

(2)  मामूली लवणीय के लिए गोबर का प्रयोग करना

(3)ग्वार याढैचा बोकर कर दो माह बाद उसे भूमि में देना

(4)  जिप्सम डालना

बंगाल की खाड़ी की नदीया(bangal ki khari ki nadiya )
 

भू -संरक्षण का उपाय(bhu-srksharan ka upay) :-

 राज्य में सुबबुल नामक वृक्ष लगाया जाए जो शीघ्र बढता क्षारीयता सहन करता है नाइट्रोजनबढ़ाता है जल से होने वाला अपरदन रोकता है तथा पशुओं के लिए चारा वह लकड़ी उपलब्ध करवाता है


नाहरगढ़ अभयारण्य (जयपुर )(naharagadh abhyarany), जमवारामगढ़ अभयारण्य (जयपुर )(jamvaramgadh abhyarany)


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य(anye matwepurn tathye) :-

वर्ष 1952 में जोधपुर में मरुस्थल वृक्षारोपण एवं अनुसंधान केंद्र खोला गया

1.राजस्थान के अभयारण्य – रामगढ़ विषधारी अभयारण्य( बूंदी)(ramgadh vishadhari abhyarany),सरिस्का अभयारण्य( sariska abhyarany)


2.चौहान वंश के शासक पृथ्वीराज तृतीय(chohan vansh ke shasak prathviraj tratiy)


3.तराइन का द्धितीय युद्ध और पृथ्वीराज चौहान(tarain ka dvitiy yoddh or prathviraj chohan)


4.तराइन का प्रथम युद्ध और पृथ्वीराज तृतीय(tarain ka yuddh, prathviraj tratiy)



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