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इंदिरा गांधी नहर परियोजना, (आई.जी.एन.पी), हरिके बैराज (endira gandhi nahar priyojana, harike beraj)

 इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आई.जी.एन.पी) (endira gandhi nahar priyojana) –

इंदिरा गांधी नहर परियोजना
इंदिरा गांधी नहर परियोजना

– पश्चिमी राजस्थान की सदियों से प्यासे मरुभूमि की प्यास बुझाने वाली राजस्थान की जीवन रेखा इंदिरा गांधी नहर परियोजना मरूगंगा के नाम से जानी जाती हैं हिमालय के जल द्वारा क्षेत्र में व्यापक स्तर पर सिंचाई होने से गर्म तथा शुष्क रेगिस्तान हरे भरे मैदान में बदल जाते हैं (आई.जी.एन.पी) में राजस्थान के अलावा कोई राज्य भागीदार नहीं होता है |


– सर्वप्रथम 1948 में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह की प्रेरणा से बीकानेर राज्य के तत्कालीन मुख्य सिंचाई इंजीनियर श्री कंवर सेन ने अपने लेख बीकानेर राज्य में अपनी आवश्यकताओं में शहर की रूपरेखा प्रस्तुत की इसीलिए कंवरसेन को इंदिरा गांधी नहर का जनक माना जाता है 1958 में गठित अतर्राज्यीय राजस्थान बोर्ड का प्रथम अध्यक्ष श्री कंवर सेन को बनाया गया|प्रारंभ में इस नहर का नाम राजस्थान नहर था लेकिन इंदिरा गांधी की मृत्यु के पश्चात 3 नवंबर 1984 को इसका नाम इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आई.जी.एन.पी )कर दिया गया |

1.सांसद आदर्श ग्राम योजना, विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम (sansad aadars gram yojana, vidhayak ithaniya chetra vikas karyakram)


2.भामाशाह योजना( ग्रामीण विकास), मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत योजना (mukhyamantri aadarsh gram panchayat yojana)

हरिके बैराज (harike beraj)-

– इंदिरा गांधी नहर का स्रोत बैराज पंजाब राज्य के फिरोजपुर जिले में सतलज एवं व्यास नदियों के संग
म पर हरीके के निकट बनाया जाता है यहां से राजस्थान फीडर निकाली गई है जो आई.जी.एन.पी मुख्य को जलापूर्ति करती हैं यह विश्व की सबसे बड़ी निर्माणाधीन बहुउद्देशीय परियोजना है आई.जी.एन.पी के उद्देश्य सिंचाई एवं पेयजल हैं 2010( प्रस्तावित )में पूर्ण होने के पश्चात यह विश्व की सबसे बड़ी व्रहतम परियोजना हो जाएगी इस नहर से राज्य में कुल 19.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी

– आई.जी.एन.पी में राज्य के 8 जिलों, श्री गंगानगर ,हनुमानगढ़ चुरू, नागौर, बीकानेर ,जोधपुर ,जैसलमेर, एवं बाड़मेर, में सिंचाई हो रही है या होगी इस में सर्वाधिक कमांड क्षेत्र क्रमांक जैसलमेर , बीकानेर जिला का है इस हेतु 9 शाख
1 उप शाखा एवं साथ लिफ्ट नहर निकाली गई है

– परियोजना का शिलान्यास 31 मार्च 1958 को भारत के तत्कालीन गृहमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने किया जबकि नहर में सर्वप्रथम पानी 11 अक्टूबर 1961 को कालीन उपराष्ट्रपति राधा कृष्ण नौरंगदेसर हनुमानगढ़ में छोडा

– राजस्थान फीडर — नहर हरिके बैराज में मसीतावाली हेड (हनुमानगढ़ ) तक 204 किमी लंबी है जिसका उद्देश्य आई.जी.एन.पी मुख्य नहर को जलापूर्ति करना है यह पंजाब राजस्थान हरियाणा 3 राज्यों से निकलती है तथा राजस्थान राज्य में फिटर का प्रवेश हनुमानगढ़ जिले से होता है फीडर से सिंचाई हेतु जल का उपयोग नहीं किया जा सकता

– इंदिरा गांधी परियोजना मुख्य नहर मसीतावाली हेड हनुमानगढ़ से मोहनगढ़( जैसलमेर )तक 445 किमी लंबी है जो बीकानेर ,श्रीगंगानगर, जैसलमेर, एवं हनुमानगढ़ ,जिला से निकलती हैं तथा मुख्य नहर से 9 शाखाएं एवं 1 उपशाखा एवं साथ लिफ्ट नहर निकाली गई है जो सिंचाई एवं पेयजल हेतु पानी उपलब्ध करवाती हैं|


1.राष्ट्रीय गोवंश एवं भैंस प्रजनन परियोजना (rashtriya govansh avm bhes parjanan priyojana)


2.श्री योजना (Shree yojana)

इस परियोजना की 9 शाखाएं एवं इसके द्वारा सिचित जिले निम्नानुसार हैं

(1)रावतसर शाखा( हनुमानगढ़ )
(2) सूरतगढ़ शाखा( गंगानगर)
(3) अनूपगढ़ शाखा( गंगानगर )
(4) पूगल शाखा (बीकानेर/ नागौर)
(5) दतोर शाखा (बीकानेर )
(6) बिसलपुर शाखा (बीकानेर )
(7) चारणवाला शाखा( बीकानेर /जैसलमेर )
(8) शहीद बीरबल शाखा (जैसलमेर )
(9) सागरमल गोपा शाखा (जैसलमेर)
उक्त 9 शाखाओं में से रावतसर का मुख्य नहर के बाईं ओर स्थित है जबकि अन्य सभी 8 शाखाएं मुख्य नहर की दाईं ओर स्थित है इसमें सर्वप्रथम रावतसर शाखा का निर्माण हुआ था

– यह नहर पाकिस्तान की सीमा के समानांतर अंग 40 किमी की औसत दूरी पर स्थित है
(स्रोत एन.सी.ई.आर.टी भारत लोग और अर्थव्यवस्था कक्षा – 12 )|

1.डांग क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम, जनता जल योजना (dhang chetriya vikas karyakram, janta jal yojana)


2.मेवात क्षेत्रीय विकास योजना, जिला नवाचार निधि योजना (mevat chetriya vikas yojana, jila navachar nidhi yojana)

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