बनास नदी, वन की आशा वर्णाशा, banas nadi
पूर्णतः राजस्थान में बहने वाली सबसे लंबी नदी (480कि,मी ) बनास नदी का उद्गम खमनोर की पहाड़ियां( राजसमंद)से होता है !
खमनौर सेनिकलकर यह नदी, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ ,भीलवाड़ा ,अजमेर ,टोंक, सवाईमाधोपुर ,जिला मेंरामेश्वर धाम सवाई माधोपुर के निकट चंबल में मिल जाती हैं
बनास नदी टोडाराय सिंह (टोंक) के निकट बीसलपुर बांध बनाया गया है
बनास की सहायक नदियां एवं संगम स्थल
1. बेड़च , मेनाल :– बीगोदा (भीलवाड़ा )
2. चंद्रभागा :– गिलूण्ड (राजसमंद)
3. कोठारी :– नन्दराय (भीलवाड़ा)
4. मानसी :– सोहेला (टोंक)
5. मोरेल :– भूरी पहाड़ी गांव (सवाई माधोपुर)
भीलवाड़ा जिले के मेनाल , बिगोद, बनास नदीया त्रिवेणी संगम बनाती है
कालीसिल , चंद्रभागा ,बेड़च कोठारी ,खारी, मेनालमानसी ,बाडी डाई ,ढील ,सोहादरा ,ढुँढ, मोरलइसकी प्रमुख सहायक नदियां है
बंगाल की खाड़ी की नदीया(bangal ki khari ki nadiya )
चाकण नदी, chakan nadi
यह नदी बूंदी जिले में कई छोटे-छोटे नाला से मिलकर बनी है जो सवाई माधोपुर के करणपुरागांव में चंबल में घुल जाती है नैनवा( बुँन्दी) में इस पर चाकण बांध बना हुआ है |
परवन नदी, parwan nadi
मध्यप्रदेश से यह नदी निकलकर राजस्थान में झालावाड़ तथा कोटा एवं बाँरा जिलों में बहते हुएपलायता बाँरा के निकट कालीसिंध में मिल जाती हैं बाँरा जिले में इस नदी पर शेरगढ़अभ्यारण स्थित है कालीखाड ,नेवज ,धार ,एवं, छापीइसकी सहायक नदियां है।
परवन एवंकालीघाट के संगम पर मनोहर थाना( झालवाड़ा) का एक दुर्ग स्थित है!
बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र,चंबल,पार्वती नदी(bangal ki khadi ka apavah tantra)
मेज नदी, mej nadi
बिजोलिया(भीलवाड़ा) से निकलकर कोटा बूंदी की सीमा के निकट चंबल में मिल जाती है|
बाजनमांगली (बूंदी जिले में प्रसिद्ध भीमताल जलप्रपात) एवं घोड़ा पछाड की प्रमुख सहायकनदियां हैं
राजस्थान में वनों के प्रकार(शुष्क सागवान वन,शुष्क वन,मिश्रित पतझड़ वन)(rajasthan ke van)
केरल नदी, keral nadi
उपरमालका पठार (भीलवाड़ा) से निकलकर( बूंदी )जिले में चंबल में मिल जाती है
आलनिया नदी, alaniya nadi)
यह नदीकोटा मुकुन्दवाडा की पहाड़ियों से निकलकर नोटाना गांव में चंबल में गुल जाती है!
2.चौहान वंश के शासक पृथ्वीराज तृतीय(chohan vansh ke shasak prathviraj tratiy)
3.जालौर के चौहान( सोनगरा चौहान ),नाडोल के चौहान(jalor ke chohan)