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rajasthan ke vanya jeev abhyaran, rashtriya maru udyan, jaisamand abhyaran (राजस्थान के वन्य जीव अभयारण्य, राष्ट्रीय मरूउद्यान (जैसलमेर ,बाड़मेर), जयसमंद अभयारण्य (उदयपुर))

rajasthan ke vanya jeev abhyaran(राजस्थान के वन्य जीव अभयारण्य) :-

जीव अभयारण्य
राजस्थान के वन्य जीव

 
– राजस्थान में वन्य जीव अभयारण्य – अलवर मार्ग एवं अलवर से 35 किमी की दूरी पर 492.29 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है |यह वन्य जीव अभ्यारण्य प्रसिद्ध  हैं |

–  इसकी स्थापना 1 नवंबर 1955 को की गई है राज्य सरकार ने 1982 में केंद्र सरकारके पास इसे राष्ट्रीय उद्यान बनाने हेतु प्रस्ताव भेजा था जो विचाराधीन हैं |

– इस वन्य जीव अभयारण्य में कासका एवं कांकनवाड़ी के पठार (दुर्ग) स्थित हैं |

–  इस अभ्यारण में वर्ष 1978-79 में बाघ परियोजना प्रारंभ की गई(राजस्थान में दूसरी बाघ परियोजना) |

–  यहां पर आर.टी.डी.सी की होटल टाइगर डेन स्थित हैं |

– वन्य जीव अभयारण्य क्षेत्र में नीलकंठ महादेव गढ़ , गढराजोर का जैनमंदिर , पाराशर आश्रम ,भर्हतरी की गुफाएं , एवं पांण्डुपोलस्थित है |

–  यहां पर बघेरा ,सांभर , चीतल , नीलगाय , काला खरगोश एवं हरेकबूतर भी मिलते हैं |

– राष्ट्रीय पक्षी मोर सर्वाधिक संख्या में सरिस्का अभ्यारण्य मेंमिलते हैं |

– सरिस्का अभयारण्य से 28 गांव को भी अन्यत्र बसाकर बाघों केसंरक्षण की योजना है |

1.बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र,चंबल,पार्वती नदी(bangal ki khadi ka apavah tantra)

2.राजस्थान में वनों के प्रकार(शुष्क सागवान वन,शुष्क वन,मिश्रित पतझड़ वन)

3.राठौड़ राजवंश का इतिहास(मालाणी के राठौड़,जोधपुर ( मारवाड़ ) के राठौड़,)

rashtriya maru udyan (राष्ट्रीय मरूउद्यान (जैसलमेर ,बाड़मेर)) :- 

–  यह अभ्यारण 4 अगस्त 1980 को जैसलमेर (1962 वर्ग किमी )एवंबाड़मेर( 1200 में )जिलों के 3162. 50 वर्ग किमी क्षेत्र में स्थापित किया गया 

है |

–  क्षेत्रफल की दृष्टि से यह राज्य का सबसे बड़ा अभ्यारण है-

–  मरूधान में जैसलमेर से 15 किमी दूर बाड़मेर मार्ग पर स्थित आकलगांव जैसलमेर में लगभग 18 करोड वर्ष पुराने 25 कास्ट जीवाश्म मिले हैं (आकल वुडफॉसिल्स पार्क ) |

– राज्य में सर्वाधिक संख्या में गोडावण पक्षी यहां पर स्वच्छंदविचरण करते हैं अतः इसे गोडावण की शरण स्थली भी कहा जाता है |

–  राष्ट्रीय मरूधान में पिजरा , स्पेन , गोरेया ,तीतर,  हुबारा, फुंसा, शाहीभट, डोमोजल क्रेन , मरुबिल्ली, लोमड़ी , चिंकारा,  सेंडफिश , भेड़िया , खरगोश , कोबरा , पिवणा सापँ आदि वन्य जीव पाए जाते हैं

jaisamand abhyaran (जयसमंद अभयारण्य (उदयपुर)) :- 

–  यह अभयारण्य 1 नवंबर 1955 को उदयपुर नगर से 50 किमी दूर जयसमंदझील के निकटवर्ती 52.34 वर्ग किमी क्षेत्र में बनाया गया है शीतकाल में यहां 112 प्रजातियों केपक्षी आते हैं यहां बाहोरा पक्षी के आश्रय स्थल के रूप में विशेष पहचान रहती हैं |

– यहां पर चितकबरा हिरन , सांभर , जंगली सूअर , चीता , तेंदुआ , काला भालू , चकवा – चकवी आदिवन्यजीव मिलते हैं |

1.जोधपुर के राजा राव सातल, राव सूजा और राव गांगा (jodhpur k raja rav satal , rav suja or rav ganga)

2.राजस्थान के राष्ट्रीय उद्यान, रणथंबोर(सवाईमाधोपुर),केवलादेव(भरतपुर),मुकुंदरा हिल्स(कोटा चित्तौड़गढ़)

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